योजना के तहत जिले के विशेष पिछड़ी जनजाति सदस्यों का बन रहा पक्का मकानजिले में अभी तक पीएम जनमन अंतर्गत दो हजार 494 आवास स्वीकृत
गरियाबंद।प्रधानमंत्री जनमन योजना के माध्यम से विशेष पिछड़ी जनजाति सदस्यों को विभिन्न प्रकार की शासकीय योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है। इसी कड़ी में जिले के पीवीटीजी परिवारों को आवास की सुविधा प्रदान की जा रही है।इस प्रकार पीएम जनमन आवास योजना लाभार्थियों के जीवन में न केवल सुधार ला रहा है,बल्कि पक्के मकान के सपनों को साकार करने का अवसर भी प्रदान कर रहा है। इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की एक नई दिशा मिल रही है, जिससे समाज के पिछड़े वर्ग को ऊपर लाने का काम किया जा रहा है।विशेष पिछड़ी जनजाति सदस्यों के प्रत्येक व्यक्ति के सिर पर एक पक्का छत हो और उसका जीवन सुकून से भरा हो,यही पीएम जनमन आवास योजना का उद्देश्य है। योजना अंतर्गत जिले में अभी तक दो हजार 494 आवास पीवीटीजी परिवारों के लिए स्वीकृत किया जा चुका है।परिवारों के लिए आवास बनाने के लिए किश्त की राशि भी जारी की जा रही है। जिससे मकान बनाने का कार्य तेजी से जारी है। फलस्वरूप आवास का कार्य समय अवधि में पूर्ण हो रहे है। साथ ही हितग्राहियों को घर निर्माण अवधि में मनरेगा के माध्यम से दैनिक रोजी पाने की भी सुविधा मिल रही है। इसके अलावा आवास के साथ नल जल कनेक्शन, बिजली कनेक्शन एवं स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय बनाने की भी सुविधा मिल रही है।
पीएम जनमन आवास योजना अंतर्गत पक्के मकान की सुविधा पाने वाले ग्राम सोहागपुर के मिलउ एवं पुरन, देवगांव के रमेश कुमार कमार एवं तुहामेटा की इतवारीन ने बताया कि हर एक नागरिक का सपना होता है कि उसका अपना एक पक्का मकान हो,जिसमें वह अपने परिवारजनों के साथ सुकून से जीवन यापन कर सके। लेकिन आर्थिक स्थिति के कारण हर किसी का यह सपना साकार नहीं हो पाता। गरीब असहाय के सपने को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना वरदान साबित हो रही है। इसके लिए हम परिवार सहित प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। लाभार्थियों ने बताया कि पहले अपने पुश्तैनी कच्चे आवास में रहते थे।बरसात के मौसम में उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता था।कच्चे घर में सांप बिच्छू के आने का खतरा और कच्चे मकान के छत से पानी टपकने का भी अंदेशा बना रहता था। प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना के अंतर्गत वर्ष 2023-24 में पक्का आवास बनाने के लिए स्वीकृति प्रदान की गई। शासन से अनुदान में मिली राशि से अपना पक्का मकान बनाकर अब वह अपने परिवार के साथ पक्के मकान में रह रहे हैं।