राजनांदगांव। नगर निगम के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को कार्यालय से हटाकर मजदूरी कार्य के लिए रखे ठेकेदार मजदूरों को निगम के जरूरी दस्तावेज, नस्तियों सहित जिम्मेदारी व गोपनीय फाइलों को उनके हाथ से एक टेबल से दूसरे टेबल देने की जिम्मेदारी सुरक्षित नजर नहीं आ रही है, वहीं अनियमित मस्टररोल में रखे कर्मचारियों के नाम से आदेश जारी कर स्थापना शाखा का प्रभार उचित नहीं लग रहा है, जिसको लेकर वरिष्ठ पार्षद कुलबीर सिंह छाबड़ा ने निगम आयुक्त को पत्र लिखकर निगम की दस्तावेज फाइलों को बचाने व सुरक्षित रखने की मांग की है।
वरिष्ठ पार्षद कुलबीर सिंह छाबड़ा ने निगम आयुक्त को पत्र लिखकर कहा कि आपके द्वारा अनियमित कर्मचारी को निगम के स्थापना विभाग का प्रभार दिए जाने का नियमानुसार प्रावधान की स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है। श्री छाबड़ा ने कहा कि यह आश्चर्य का विषय है कि स्थापना शाखा जहां निगम के कर्मचारियों की सर्विस बुक तथा गोपनीय दस्तावेज जो कि सूचना का अधिकार के तहत भी प्रदान नहीं किए जाते तथा इन सब दस्तावेजों के गुम होने अथवा नष्ट होने से निगम के नियमित कर्मचारियों को बहुत बड़ा नुकसान है। निगम आयुक्त द्वारा अनियमित मस्टररोल में रखे कर्मचारियों के नाम से आदेश जारी कर स्थापना शाखा का प्रभार देना न्याय संगत उचित नहीं है। वहीं नियमित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को निगम कार्यालय से हटाकर मजदूरी कार्य के लिए प्रभार देने का आदेश जारी किया गया है एवं ठेकेदारी प्रथा में रखे मजदूरों को निगम कार्यालय में निगम आयुक्त द्वारा आदेश जारी के नस्तियों को एक टेबल से दूसरे टेबल देने से निगम के दस्तावेजों को ठेकेदारी प्रथा से रखे गए मजदूरों के हाथ में आने से दस्तावेजों की जिम्मेदारी सुरक्षित नहीं, जबकि ठेकेदारी प्रथा में रखे मजदूरों के हाथ निगम के सरकारी दस्तावेज देने का प्रावधान नहीं है।
वरिष्ठ पार्षद श्री छाबड़ा ने आयुक्त को लिखे पत्र में कहा कि निगम के दस्तावेज सुरक्षित नहीं है, मैं खुद निर्वाचित पार्षद हूं, नगर निगम का एक अंग हूं, मेरा दायित्व है कि किसी भी प्रकार की होने वाली दुर्घटना अथवा निगम में होने वाले अहित से आपको अवगत कराउं। निगम आयुक्त द्वारा इस तरह से गलत आदेश जारी कर निगम के कर्मचारियों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से प्रताड़ित किये जाने की भावना प्रतीत हो रही है। नगर निगम के हित और जरूरी दस्तावेजों के सुरक्षा को देखते हुए स्थापना विभाग में निगम के नियमित कर्मचारियों को प्रभार देने सहित नियमित कर्मचारियों को निगम कार्यालय में रखने एवं ठेकेदारी प्रथा के मजदूरों को उनके मूल कार्य में रखने की बात कहीं है। श्री छाबड़ा ने कहा कि यदि इस पत्र देने के बावजूद नियमित कर्मचारियों को स्थापना एवं निगम कार्यालय से बाहर किया गए कर्मचारियों को वापस निगम कार्यालय में नहीं रखा जाता है और ठेकेदारी प्रथा से रखे गए मजदूरों से कार्य कराया जाता है, तो निगम में किसी भी प्रकार के दस्तावेज गुम होने, निगम के सामान गायब होने अथवा किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना होने की जवाबदारी निगम आयुक्त की होगी। उस स्थिति में निगम की क्षति की संभावना को देखते हुए मैं अपने विधिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए विधिक प्रक्रिया की ओर अग्रसर हाउंगा, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी निगम आयुक्त की होगी। उक्त पत्र की प्रतिलिपि मुख्य कार्यपालन अधिकारी राज्य शहरी विकास अभिकरण नया रायपुर को भी दी है।