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छत्तीसगढ़ को तीरंदाजी के क्षेत्र में मिली नई पहचान: शिक्षा मंत्री श्री अग्रवाल छत्तीसगढ़ को तीरंदाजी के क्षेत्र में मिली नई पहचान

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रायपुर :  शिक्षा मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि राष्ट्रीय सब जूनियर तीरंदाजी प्रतियोगिता से छत्तीसगढ़ को इस खेल के क्षेत्र में नई पहचान मिली है। युवा खिलाड़ियों को इस आयोजन से तीरंदाजी के हूनर की बारीकियों को सीखने का मौका मिला है। श्री अग्रवाल आज यहां साइंस कॉलेज मैदान में छत्तीसगढ़ प्रदेश अर्चरी एसोसिएशन द्वारा आयोजित 40वीं एनटीपीसी राष्ट्रीय सब जूनियर प्रतियोगिता में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को विदाई समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े विशेष रूप से उपस्थित थी।

स्कूल शिक्षा मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कार्यक्रम में कहा कि छत्तीसगढ़ विश्व के सबसे बड़े धर्नुधारी प्रभु श्री राम के ननिहाल है। श्री राम छत्तीसगढ़ का भांजा है और ये पूरे प्रदेश के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि तीरंदाजी देश का सबसे पुराना खेल है। जनजातीय समाज में तीरंदाजी एक प्रमुख कला के रूप में आज भी विद्यमान है। तीरंदाजी की गाथा वेद, पुराण में भी है और आज आधुनिक तरीके से तीरंदाजी खेला जा रहा है। छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अलग पहचान मिलेगी। राज्य में खिलाड़ियों के प्रशिक्षण और सुविधाओं का ध्यान रखा जाएगा, जिससे खिलाड़ी खेलों में छत्तीसगढ़ का नाम रौशन कर सकें।

स्कूल शिक्षा मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि आज देशभर से आए खिलाड़ियों को जहां एक ओर अलग होने का गम हो रहा होगा, तो वहीं दूसरी ओर जिन खिलाड़ियों को पदक मिला है, उनको खुशी महसूस हो रही होगी सभी खिलाड़ियों को बहुत-बहुत बधाई की उन्होंने 12 दिन छत्तीसगढ़ में बिताए। उन्होंने इस प्रतियोगिता के आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई देते हुए प्रतियोगिता में विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार प्रदान किए। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ तीरंदाजी संघ के अध्यक्ष श्री कैलाश मुरारका, संघ के सदस्य, खेल प्रशिक्षक, मैनेजर, विभिन्न राज्य से आए हुए खिलाड़ी एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।