Home छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ में बिना मोदी के पत्ता नहीं हिल रहा : सुजीत दत्ता

छत्तीसगढ़ में बिना मोदी के पत्ता नहीं हिल रहा : सुजीत दत्ता

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राजनांदगांव। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सदस्य तथा वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुजीत दत्ता (बापी) ने छत्तीसगढ़ की राजनीति पर बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि नवगठित भाजपा सरकार स्व निर्णय लेने में असफल साबित हो रही है। बात-बात के लिए केंद्र सरकार का मुंह ताकना विष्णु देव सरकार के लिए आदत बन रही है, यहां अभी से बिना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णय के पत्ता भी नहीं गिर रहा है। मंत्रिमंडल गठन के बाद विभागों का बंटवारा इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इतना ही नहीं चुनाव पूरा किए गए वादों को निभाने में देरी अनावश्यक देरी की जा रही है, जिससे छत्तीसगढ़ की जनता का भरोसा भाजपा सरकार पर से उठने लगा है। किसानों को 3100 रुपये मि्ंटल धान भुगतान के लिए सरकार का मुंह ताकना पड़ रहा है। महिलाओं को 1000 रुपये महीना के लिए अमावस्या रूप से इंतजार कराया जा रहा है, जबकि सरकार गठन के बाद योजनाएं तुरंत लागू हो जानी चाहिए, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने सत्ता पर विराजमान होते ही सबसे पहले किसानों का कर्ज माफ किया था, जिससे किसानों में प्रसन्नता व्याप्त हो गई थी और भूपेश सरकार पर शुरू से ही भरोसा बढ़ गया था, लेकिन चुनाव के दौरान भाजपा ने जनता को बरगलाकर कांग्रेस को सत्ता मुक्त कर दिया, हालांकि कांग्रेस जनादेश का सम्मान करती है।
श्री दत्ता ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा ने उपमुख्यमंत्री चयन की नई परंपरा शुरू की है, उसका भी कोई मतलब निकलते नहीं दिख रहा है। एक मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री होने का मतलब है योजनाओं का क्रियान्वयन शीघ्रता से और व्यापक रूप से होकर जनता को अधिकार अधिक लाभ मिले, लेकिन तीन-तीन मुख्यमंत्री रखे जाने का कोई औचित्य ही नहीं निकल रहा है। सिर्फ पद की शोभा बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की ग्रहणियों को 500 रुपये प्रति सिलेंडर रसोई गैस देने का वादा शुरू से ही नहीं निभा रही है, कितने ही गरीबों के घर के गैस सिलेंडर गैस की महंगाई की वजह से महीनों से खाली पड़े हैं। शहर के गरीब हो या गांव के उन्हें लकड़ी चुनने जंगलों में छुरमोटो के बीच जाना पड़ रहा है, जहां जंगली जानवरों और जीव-जंतुओं के हमले का खतरा होने के साथ-साथ अन्य प्रकार के दुर्घटना घटित होने के आशंका बढ़ गई है। भाजपा को अपने झूठ का खामियाजा लोकसभा चुनाव में भुगतना ही पड़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि धर्म के नाम पर दुकानदारी चलाने वाली भाजपा में राम मंदिर के उद्घाटन के लिए हड़बड़ी कर रही है। मुहूर्त भी नहीं देख रही है, जबकि रामनवमी को उद्घाटन करना चाहिए था। 22 जनवरी को उद्घाटन इसलिए कर रही है कि लोकसभा चुनाव में किसका इसका ज्यादा से ज्यादा लाभ उन्हें मिल सके, लेकिन देश की जनता समझदार है, वह बार-बार उनके झांसे में नहीं आने वाली है।