Home छत्तीसगढ़ उपभोक्ताओं को जल्द न्याय मिले – न्यायमूति श्री गौतम चौरड़िया

उपभोक्ताओं को जल्द न्याय मिले – न्यायमूति श्री गौतम चौरड़िया

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छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग एवं राज्य विधिक प्राधिकरण के संयुक्त तत्वाधान में राजधानी के पंडरी में स्थित आयोग के कार्यालय में राज्य स्तरीय उपभोक्ता सहायता एवं परामर्श केन्द्र का शुभारंभ किया। इस केन्द्र का उद्घाटन आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री गौतम चौरड़िया और खाद्य विभाग के सचिव श्री टोपश्वर वर्मा की उपस्थिति में आम उपभोक्ता श्रीमती पावर्ती साहू द्वारा किया गया। यह प्रदेश का पहला परामर्श केन्द्र है, जो राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री गौतम भादुड़ी के सहयोग से प्रारंभ किया गया।
इस अवसर पर उपभोक्ता हितों के संवर्धन एवं जागरूकता विषय पर आयोजित संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए न्यायमूर्ति श्री चौरड़िया ने कहा है कि इस केन्द्र के माध्यम से उपभोक्ताओं को उचित मार्गदर्शन परामर्श मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता विषय से जुड़े कानूनों और प्रक्रियाओं को सरलीकरण किए जाने की आवश्यकता है, जिससे आम उपभोक्ता अपनी बात को यहां रख सके। हमारा उद्देश्य है कि एक उपभोक्ता को उचित समय में, जल्द न्याय मिले। श्री चौरड़िया ने कहा कि ’उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायधीश ने कहा है कि हमारा काम आम लोगों को राहत देना है। यह ध्यान रखे की हमसे जुड़ी जो भी संस्थाएं हैं, तकलीफ देने का यंत्र न बन जाए’। हमारे काम में सेवाभाव होना चाहिए ताकि आम नागरिकों को राहत एवं न्याय मिल सके। उन्होंने कहा कि यह प्रयास किया जा रहा है कि शासन के सहयोग से जल्द से जल्द राज्य एवं जिला स्तर पर रिक्त पदों को पूर्ण किया जाए।
खाद्य विभाग के सचिव ने श्री टोपेश्वर वर्मा बताया कि उपभोक्ता आयोग में आवश्यकतानुसार सभी संसाधनों को परिपूर्ण करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक कार्पस फण्ड की स्थापना की जा रही है, जिसमें केन्द्र एवं राज्य सरकार का संयुक्त अंशदान होगा। इस राशि से प्राप्त ब्याज का उपयोग उपभोक्ता कानून के जागरूकता अभियान में किया जाएगा। छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के रजिस्ट्रार सुश्री उदयलक्ष्मी सिंह परमार ने बताया कि इस केन्द्र के माध्यम से आम उपभोक्ताओं को उपभोक्ता मामले से संबंधित निःशुल्क परामर्श दिया जाएगा। साथ ही यदि कोई उपभोक्ता को किसी अधिवक्ता की आवश्यकता है और यदि किसी प्रकार शुल्क देने में असमर्थ हो तो उसे केन्द्र के माध्यम से सहायता दी जाएगी।