Home छत्तीसगढ़ विकास की सबसे बड़ी योजना, अमरकंटक परिक्रमा में आने वाले छत्तीसगढ़ के...

विकास की सबसे बड़ी योजना, अमरकंटक परिक्रमा में आने वाले छत्तीसगढ़ के क्षेत्र को भी निखारें

88
0
????????????????????????????????????

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रशाद योजना के अंतर्गत भूमिपूजन कार्यक्रम में कहा प्रशाद योजना से डोंगरगढ़ में पर्यटन विकास की नई संभावनाओं की होगी शुरूआत, वर्चुअल माध्यम से जुड़े मुख्यमंत्री,  केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रहलाद सिंह पटेल भी वर्चुअल माध्यम से जुड़े
डोंगरगढ़ के विकास में आज प्रशाद योजना के रूप में की गई महत्वपूर्ण पहल
43 करोड़ 33 लाख रूपए की राशि से डोंगरगढ़ में और भी निखरेगी धार्मिक पर्यटन की तस्वीर
श्रीयंत्र के आकार का पिलग्रिम फैसिलिटेशन सेंटर बनेगा
डोंगरगढ़ में ध्यान  केंद्र, कैफेटेरिया, लैंडस्केपिंग आदि सुविधा आरंभ होगी, पर्यटन के विकास में मील का पत्थर होगी योजना

राजनांदगांव 02 मार्च 2021

माँ बम्लेश्वरी के नाम से दुनिया भर में प्रसिद्ध डोंगरगढ़ के पर्यटन विकास की दिशा में आज प्रशाद योजना के रूप में बड़ी शुरूआत हुई। यहां 43 करोड़ 33 लाख रुपए की राशि से पर्यटन विकास की शुरूआत की जाएगी। इसमें श्री यंत्र के आकार का पिलग्रिम फैसिलिटेशन सेंटर के निर्माण के साथ ही प्रज्ञागिरी पहाड़ी पर ध्यान केंद्र और अन्य सुविधाएं आरंभ की जाएंगी।
इस मौके पर वर्चुअल माध्यम  से जुड़े मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि वर्ष 2018 से प्रशाद योजना के अंतर्गत डोंगरगढ़ को लाने की प्रक्रिया चली थी और आज इसे पूर्णता मिली। इसमें सांसद, पर्यटन मंत्री और केंद्रीय पर्यटन मंत्री सहित इससे जुड़े सभी लोगों की मेहनत है। डोंगरगढ़ हिंदू, जैन और बौद्ध धर्म की आस्था का केंद्र है। चैत्र और शारदेय नवरात्रि में हर दिन हजारों लोगों की भीड़ यहां जुटती है। साल भर में लगभग 50 लाख लोग यहां जुटते हैं और माता का आशीर्वाद लेते हैं। प्रशाद योजना से इन पर्यटकों के लिए सुविधाएं और बढ़ेंगी। इस योजना से यहां पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, जिसका लाभ स्थानीय लोगों को होगा। मुख्यमंत्री ने स्थानीय लोगों की प्रशंसा करते हुए कहा कि पर्वों में कितने सारे लोग यहां ठहरते हैं और आप सभी लोग उन्हें इतने स्नेह और आदर-सत्कार से ठहराते हैं। इसके लिए आपको साधुवाद हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में इस योजना से अमरकंटक को भी शामिल किया गया है। जिस तरह से लोग नर्मदा परिक्रमा करते हैं, उसी प्रकार लोग अमरकंटक परिक्रमा करते हैं। अमरकंटक में छत्तीसगढ़ के अधिकतर श्रद्धालु आते हैं और परिक्रमा का आधा क्षेत्र छत्तीसगढ़ में पड़ता है। यदि इस क्षेत्र के विकास के लिए भी केन्द्र द्वारा भी कोई योजना बनाई जाए तो अमरकंटक में पर्यटन संभावनाओं में और वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2016 में अलग-अलग योजनाओं के लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने 80 करोड़ रूपए दिये थे। इस बार प्रशाद योजना के माध्यम से बड़ी राशि मिली है, जिससे डोंगरगढ़ में पर्यटन विकास का इजाफा होगा। छत्तीसगढ़ में पर्यटन विकास की अपार संभावनाएं हैं, इस दिशा में जितना काम होगा, पर्यटन में उतनी ही वृद्धि होगी।
इस मौके पर वर्चुअल माध्यम से जुड़े केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सरकार श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि अविभाजित मध्यप्रदेश के दिनों में मैं डोंगरगढ़ नवरात्रि पर आया था और मेरी धार्मिक स्मृतियां और श्रद्धा इस तीर्थ स्थल से जुड़ी है। यह स्थल सनातन, बौद्ध और जैन मान्यताओं का प्रमुख स्थल है। यह भारत की सांस्कृतिक विविधता दर्शाता है। इस क्षेत्र में पर्यटन की बड़ी संभावना है। प्रशाद योजना से डोंगरगढ़ के पर्यटन विकास की नई संभावनाएं खुलेंगी। केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने कहा कि इन पर्यटक केंद्रों में बुनियादी सुविधाएं और सौंदर्यीकरण के जितने कार्य होंगे, यहां के विकास के लिए उतनी ही संभावनाएं बढ़ेंगी।
इस मौके पर गृह एवं पर्यटन मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद पर्यटन को आगे करने के लिए हमने विशेष रणनीति बनाई। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने मुझे पर्यटन को आगे की जिम्मेदारी दी। मैं केंद्रीय मंत्री श्री प्रहलाद पटेल से मिला और उन्होंने आश्वस्त किया कि छत्तीसगढ़ में पर्यटन को आगे ले जाएंगे। आप जो प्रस्ताव बनाएंगे, छत्तीसगढ़ के विकास के लिए किसी तरह की कमी नहीं होगी। प्रशाद योजना में शामिल करने के लिए मैं श्री पटेल को धन्यवाद देता हूं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पर्यटन को विकसित करने की जिस तरह से सोच है उसके मुताबिक हम लोग काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने जिस उदारता से हमारे पर्यटक स्थलों को बढ़ाने के लिए जो सहयोग दिया है, उससे हम काफी अच्छा कार्य कर रहे हैं। सांसद श्री संतोष पांडेय ने इस अवसर पर कहा कि प्रशाद योजना तीर्थस्थलों में अधोसंरचना सुधार के लिए लाई गई है। इस योजना के माध्यम से पर्यटन में अभिवृद्धि होगी। माँ बम्लेश्वरी के साथ ही चंद्रगिरी और प्रज्ञागिरी के तीर्थ के रूप में भी यह क्षेत्र प्रसिद्ध है। प्रशाद योजना से इसके विकास की नई संभावनाएं खुलेंगी।
इस मौके पर छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण एवं विधायक डोंगरगढ़ श्री भुनेश्वर बघेल, विधायक खुज्जी श्रीमती छन्नी साहू, छत्तीसगढ़ राज्य अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष श्री धनेश पाटिला, नगर पालिका डोंगरगढ़ अध्यक्ष श्री सुदेश मेश्राम सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। इसके साथ ही प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ टूरिज्म श्रीमती रानू साहू, कलेक्टर श्री टोपेश्वर वर्मा, पुलिस अधीक्षक श्री डी श्रवण, जिला पंचायत सीईओ श्री अजीत वसंत, माँ बम्लेश्वरी देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री नारायण लाल अग्रवाल, उपाध्यक्ष श्री रघुवर प्रसाद अग्रवाल एवं सदस्य श्री नवनीत तिवारी, श्री बिरधीचन्द भंडारी, श्री गोविंद चोपड़ा, श्री सुभाष अग्रवाल, श्री विनोद तिवारी, श्री संजय अग्रवाल सहित जनप्रतिनिधि एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
क्या है प्रशाद योजना-
प्रशाद योजना भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय की योजना है। पिलग्रिमेज रिज्यूवेनेशन एंड स्पिरिच्युअल हेरिटेज आगमेंटेशन ड्राइव के रूप में जानी जाने वाली इस योजना से देश भर में 31 तीर्थस्थलों को विकसित किया जा रहा है।
डोंगरगढ़ में ये होगा विकसित-
डोंगरगढ़ में साढ़े नौ एकड़ भूमि में पिलग्रिम फैसिलिटेशन सेंटर बनेगा। यह श्रीयंत्र के आकार का होगा। यहां ध्यान केंद्र, विश्राम कक्ष, प्रसाद कक्ष, सांस्कृतिक मंच, क्लाक रूम, सत्संग कक्ष, प्रदर्शनी गैलरी, लैंडस्केपिंग, सोलर लाइटिंग, पेयजल आदि बुनियादी सुविधाएं होंगी। इस निर्माण के अलावा माँ के मंदिर की पहाडिय़ों पर सीढिय़ों का जीर्णोद्धार, रेलिंग, शेड, पेयजल सुविधाए पगोड़ा, सोलर लाइटिंग, सीसीटीवी, तालाब सौंदर्यीकरण, बायोटायलेट, मेडिकल रूम, साइनेज आदि बनेंगे। प्रज्ञागिरी पहाड़ी में ध्यान केंद्र, कैफेटेरिया, पार्किंग, सीढिय़ों का जीर्णोद्धार, सोलर प्रकाशीकरण, पेयजल और साइनेज की सुविधा प्रदान की जाएगी।