सात दिवसीय जीवन विज्ञान शिक्षक प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ
भिलाई। शिक्षा विभाग दुर्ग छत्तीसगढ़ एवं अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी
राजसमंद राजस्थान के संयुक्त आयोजक तथा पोरवाल चेरीटेबल ट्रस्ट भिलाई द्वारा आयोजित सात दिवसीय जीवन विज्ञान शिक्षक प्रशिक्षण शिविर का दिनांक 6 से 3 जनवरी तक का शुभारंभ प्रात: 8 बजे नेहरु नगर स्थित पोरवाल प्रेक्षा भवन में हुआ। इस शिविर में समागत दुर्ग, पाटन एवं धमधा विकासखंड से कुल 62 प्रशिक्षार्थी शिक्षक-शिक्षिकाएं भाग ले रहे है। शिक्षकों को संबोधित करते हुए दुर्ग शिक्षा संभाग के सहायक संचालक सत्यनारायण स्वामी ने कहा कि जीवन विज्ञान सर्वहितकारी है। आज के मानव ने विज्ञान को अपना लिया है। विज्ञान द्वारा प्रदत्त सुख-सुविधाओं को अपना लिया है, परंतु फिर भी जीवन में कुछ अधूरापन लगता है। सुख-सुविधाओं के संपूर्ण साधन होते हुए भी व्यक्ति दुखी दिखाई देता है, आज इसका कारण है जीवन में जीने कीकला का अभाव।
आचार्य महाप्रज्ञ प्रणित जीवन विज्ञान हमें जीवन जीने का व्यवस्थित ज्ञान
प्रदान करता है। इसका कारण है जीवन जीने की कला का अभाव।
आचार्य महाप्रज्ञ प्रणित हमें जीवन विज्ञान के रुप में शिक्षा जगत के
समक्ष रखा है। आचार्य तुलसी ने अणुव्रत के माध्यम से स्वस्थ समाज संरचना के छोटे-छोटे जो सूत्र दिए है। वे न केवल व्यक्ति अपितु परिवार, समाज व राष्ट्रोत्थान में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है। आचार्य तुलसी एवं आचार्य महाप्रज्ञ द्वारा प्रदत्त ज्ञान के अलख को पांव-पांव चलकर जनमानस में नैतिकता,सदभावना और नशामुक्ति का संदेश देने आचार्य महाश्रमण अहिंसा यात्रा के साथ लगातार देश-विदेश की यात्रा कर समाज को लाभांवित कर रहे
है। उन्होने कहा कि जीवन तो सभी जीते है, परंतु जीवन को अपने कर्मो के द्वारा अमिट छाप छोड़ती है उसे दुनिया याद करती है।