सरायपाली. के ओम हॉस्पिटल, भारती हॉस्पिटल आयुष्मान से किये गये पृथक छोटी बीमारियों को बड़ा बताकर आयुष्यमान कार्ड से रुपयों की गड़बड़ी करने की शिकायत पर केंद्रीय टीम ने 3 प्रायवेट अस्पतालों को आयुष्मान कार्ड सेवा से 6 माह के लिए निलंबित कर दिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार अस्पतालों से पिछले कुछ माह से लगातार छोटी बीमारियों को बड़ा बताकर आयुष्मान से रुपए गड़बड़ी किए जाने की शिकायतें लगातार मिल रही थी। कोई पखवाड़े भर पूर्व ही केंद्रीय जांच टीम ने इन अस्पतालों के रिकॉर्ड की जांच की थी जिसके बाद गड़बड़ी का खुलासा हुआ। इसके बाद आज फर्जीवाड़ा कर रहे जिले के तीन अस्पतालों को इस योजना के इम्पैनल से बाहर कर दिया गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार फर्जीवाड़ा में महासमुंद के आदित्य हॉस्पिटल, ओम हॉस्पिटल एवं भारती हॉस्पिटल का नाम सामने आया है।
डॉक्टर सहित अन्य स्टॉफ को बटती थी फर्जीवाड़े की रकम
सरायपाली संवाददाता के अनुसार सरकारी अस्पतालों में आयुष्मान भारत योजना के तहत जिन भी बीमारियों का इलाज किया जाता है, उनके एवज में मिलने वाले पैकेज की रकम संबंधित डॉक्टर्स के साथ ही अन्य सहयोगी स्टाफ को इंसेंटिव के रूप में बांटी जाती है। लेकिन समय-समय पर की जाने वाली जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि कुछ सरकारी अस्पताल के डॉक्टर्स और स्टाफ इंसेंटिव के लालच में फर्जी मरीज भर्ती कर रहे हैं। अर्थात् जिस तरह का फजीर्वाड़ा निजी अस्पतालों में उजागर हुआ है, वैसा ही कई सरकारी अस्पतालों में भी किया जाना पाया गया है।
6 केंद्रीय टीम की कारवाई है। अस्पतालों से शिकायतें मिल रही थी।
पी कुदेशिया सीएमएचओ, महासमुंद
स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई निजी अस्पतालों के विरूद्ध अनावश्यक अधिक राशि वाले पैकेज ब्लॉक करने, ओपीडी के मरीजों को अनावश्यक आईपीडी में ब्लॉक करने, बिना मरीज के पैकेज ब्लॉक करने, बिना विशेषज्ञ व सुविधा के ही इलाज करने सहित कई तरह की शिकायतों की पुष्टि हुई है। जिसके कारण 9 अस्पतालों को इम्पैनल से बाहर कर दिया गया है, वहीं 3 अस्पताल को 6 महीने के लिए निलंबित किया गया है। दरअसल, आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना के तहत मरीजों का उपचार करने वाले सरकारी अस्पतालों को भी पैकेज की राशि दी जाती है। बता दें कि राज्य शासन द्वारा कुछ बीमारियों का इलाज सरकारी अस्पतालों में ही कराने का प्रावधान किया गया है। इनमें नेत्र ऑपरेशन, दंत रोग, गर्भाशय निकालने का ऑपरेशन, पाइल्स समेत दर्जनों रोग शामिल हैं। सरकारी अस्पतालों में आयुष्मान भारत योजना के तहत जिन भी बीमारियों का इलाज किया जाता है, उनके एवज में मिलने वाले पैकेज की रकम संबंधित डॉक्टर्स के साथ ही अन्य सहयोगी स्टाफ को इंसेंटिव के रूप में बांटी जाती है।
इधर इन सरकारी अस्पतालों को जारी हुआ नोटिस
आयुष्मान योजना में गड़बड़ी करने वालों में 6 जिलों के 10 अस्पताल शामिल हैं। इनमें प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं, जिन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
(फर्जी मरीज भर्ती कर निकालते थे रकम)
जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि कुछ सरकारी अस्पताल के डॉक्टर्स और स्टाफ इंसेंटिव के लालच में फर्जी मरीज भर्ती कर रहे हैं। याने जिस तरह का फर्जीवाड़ा निजी अस्पतालों में उजागर हुआ है, वैसे ही कई सरकारी अस्पतालों में भी किया जाना पाया गया है।