नई दिल्ली. बेंचमार्क शेयर सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी सोमवार को गिरावट के साथ बंद हुए। ऐसा औद्योगिक और तेल व गैस शेयरों में बिकवाली के कारण हुआ। तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 217.41 अंक या 0.29 प्रतिशत गिरकर 74,115.17 अंक पर बंद हुआ। इसके 22 शेयर नुकसान में और आठ लाभ में रहे। इससे पहले यह सूचकांक बढ़त के साथ खुला और दिन के दौरान 74,741.25 के उच्चतम स्तर तक पहुंचा।
हालांकि, पहले सत्र के दाैरान हासिल बढ़त बजार ने आखिरी सत्र से पहले गंवा दी। बंद होने से पहले बाजार पर बिकवाली का दबाव दिखा और सूचकांक 310.34 अंक या 0.41 प्रतिशत गिरकर 74,022.24 के निचले स्तर पर पहुंच गया। सोमवार को एनएसई का निफ्टी 92.20 अंक या 0.41 प्रतिशत की गिरावट के साथ 22,460.30 पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के शेयरों का कैसा रहा हाल?
सेंसेक्स की 30 कंपनियों में इंडसइंड बैंक, जोमैटो, लार्सन एंड टूब्रो, टाइटन, महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फाइनेंस, रिलायंस इंडस्ट्रीज, कोटक महिंद्रा बैंक, टेक महिंद्रा और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज पिछड़ गईं। दूसरी ओर, पावर ग्रिड, हिंदुस्तान यूनिलीवर, इंफोसिस, नेस्ले इंडिया, एशियन पेंट्स, आईटीसी, सन फार्मास्यूटिकल्स और आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों में लाभ रहा। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण बाजार की धारणा प्रभावित हो रही है, अमेरिका में बेरोजगारी दर और टैरिफ में वृद्धि के कारण अनिश्चितता बढ़ रही है, जिससे संकेत मिलता है कि निकट भविष्य में अस्थिरता बनी रहेगी।”
बाजार में दीर्घकालिक अवधि के लिए निवेश अब भी आकर्षक
नायर ने कहा कि घरेलू वृहद आर्थिक हालात निवेशकों को अल्पावधि में सावधानी के साथ नरम पड़े शेयरों में निवेश करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। हालांकि, दीर्घकालिक अवधि के लिए बाजार में निवेश अब भी आकर्षक बना हुआ है। सोमवार को एशियाई बाजारों में टोक्यो, शंघाई, हांगकांग और सियोल में मिलाजुला रुख रहा। मध्य सत्र के सौदों में यूरोपीय बाजारों में गिरावट देखी गई। वहीं, शुक्रवार को वॉल स्ट्रीट सकारात्मक रुख के साथ हुए थे।