नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में शामिल होंगे। साप्ताहिक ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय ने कहा कि पीएम मोदी मुख्य अतिथि के रूप में समारोह का हिस्सा बनेंगे। वे 11-12 मार्च को मॉरीशस के दौरे पर रहेंगे। इसके अलावा भारतीय रक्षा बलों की एक टुकड़ी मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में भाग लेगी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी 11 और 12 मार्च को मॉरीशस में होंगे। यहां वह मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेंगे। समारोह में भारतीय नौसेना के एक जहाज के साथ भारतीय रक्षा बलों की एक टुकड़ी भाग लेगी। प्रधानमंत्री ने आखिरी बार 2015 में मॉरीशस का दौरा किया था। यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मॉरीशस के राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे। मॉरीशस के प्रधानमंत्री से मिलेंगे और देश के महत्वपूर्ण गणमान्य व्यक्तियों और वरिष्ठ नेताओं के साथ कई अन्य बैठकें करेंगे।
भारत अमेरिका ने की बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते की घोषणा
उन्होंने कहा कि फरवरी 2025 में प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के दौरान भारत-अमेरिका ने लाभकारी बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर बातचीत करने की घोषणा की। वाणिज्य और उद्योग मंत्री अमेरिका में थे और उन्होंने अपने समकक्षों से मुलाकात की। दोनों सरकारें बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चर्चा को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया में हैं। इस समझौते के जरिये हमारा उद्देश्य माल और सेवा क्षेत्र में भारत-अमेरिका दोतरफा व्यापार को मजबूत और गहरा करना, बाजार पहुंच बढ़ाना, टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करना और दोनों देशों के बीच आपूर्ति श्रृंखला एकीकरण को गहरा करना है।
यूके में विदेश मंत्री के सुरक्षा उल्लंघन पर ब्रिटेन सरकार से कार्रवाई के लिए कहा
विदेश मंत्री एस जयशंकर की ब्रिटेन यात्रा के दौरान सुरक्षा उल्लंघन को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हमने विदेश मंत्री की यात्रा के दौरान ब्रिटेन स्थित अलगाववादी और चरमपंथी तत्वों द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के उल्लंघन के बारे में ब्रिटेन के अधिकारियों को बताया है। यह ऐसी ताकतों को दिए गए लाइसेंस के साथ-साथ ब्रिटेन में हमारी वैध राजनयिक गतिविधियों को बाधित करने के उद्देश्य से उनकी धमकी और अन्य कार्रवाइयों के प्रति उदासीनता को भी सामने लाता है। हमने इस मामले पर यूके विदेश कार्यालय द्वारा जारी किए गए बयान पर ध्यान दिया है, लेकिन इसकी गंभीरता के बारे में हमारा दृष्टिकोण दोषियों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर निर्भर करेगा।