Home छत्तीसगढ़ ऐतिहासिक बूढ़ा तालाब को आज से मिलेगी नई पहचान :

ऐतिहासिक बूढ़ा तालाब को आज से मिलेगी नई पहचान :

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देश के सबसे बड़े फाऊंटेन, लेजर शो और जगमग लाईटें बनेगी आकर्षण का केन्द्र

राज्य स्थापना दिवस पर राजधानीवासियों को मिलेगी
मनोरजंन और पर्यटन की सौगात

    रायपुर 31 अक्टूबर 2020

एक नवंबर छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के दिन प्रदेशवासियों को कई सौगातों के साथ यादगार बनने जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल से राजधानी रायपुर ऐतिहासिक बूढ़ा तालाब को न सिर्फ नई पहचान मिलने जा रही है अपितु लोगों को पर्यटन और रोमांच के साथ मनोरंजन का वह आनंद भी मिलने जा रहा है जो इस समय सुकून के कुछ पल तालाश रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा शहर के मध्य स्थित स्वामी विवेकानंद सरोवर बूढ़ा तालाब को विकसित करने के साथ आम लोगों को मनोरंजन एवं पर्यटन की सुविधा उपलब्ध कराने विशेष पहल की गई है। यहां सभी आयु वर्ग के लोगों का ध्यान रखा गया है। देश के सबसे बड़े फाऊंटेन के साथ लेजर शो, रंगबिरंगी जगमगाती लाइटे, म्यूजिकल फाउंटेन और टनल फाउंटेन और विशाल प्रवेश द्वार के साथ यहां का भव्य स्वरूप सबके लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा।
    नगर निगम रायपुर व रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा बूढ़ा तालाब को नए सिरे से संवारा गया है। शहरवासियों को छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के दिन मनोरंजन औैर पर्यटन की सौगात देने यहां विगत कई दिनों से विकास एवं सौंदर्यीकरण का कार्य कराए जा रहे थे। मुख्यमंत्री स्वयं भी इस कार्य पर नजर बनाए हुए थे। मुख्यसचिव श्री आर पी मण्डल द्वारा लगातार यहां के कार्यों का निरीक्षण कर निश्चित समय में और पूर्ण गुणवत्ता से इसे पूरा करने की पहल की गई। आखिरकार बूढ़ा तालाब का कायाकल्प का कार्य पूरा हो गया है। तालाब के किनारे भ्रमण के लिए फ्लोटिंग डेक लगाए गए हैं, जहां पैदल भ्रमण कर तालाब के स्वरूप का नैसर्गिक आनंद लिया जा सकता है। यहां बन रहे दो स्तरीय पाथवे से तालाब का भव्य स्वरूप देखा जा सकेगा। इस परिसर में विशाल प्रवेश द्वार, म्यूजिकल फाउंटेन और टनल फाउंटेन इस तालाब की खूबसूरती को बढ़ाएंगे। आकर्षक लैंडस्कैपिंग, लेजर शो, रंग-बिरंगी लाइटों से जगमगाते तालाब के दीवारों पर नजर आ रही पेंटिंग से तालाब का स्वरूप और भी निखरा हुआ सा लगेगा। तालाब पर बोटिंग की भी व्यवस्था की गई है, जो रोमांच से भरपूर होगा।

600 साल पहले कल्चुरी राजा ने बनवाया था इस तालाब को

ऐतिहासिक विवेकानंद सरोवर-बूढ़ा तालाब की अपनी अलग पहचान पहले से ही है। समय के साथ  इस तालाब की सुध नहीं लिए जाने से इसके अस्तित्व का खतरा तो मंडरा ही रहा था, पानी के प्रदूषित होने और गंदगी का भी खतरा बना हुआ था। शहर के भीतर लगभग 87 एकड़ क्षेत्रफल में फैले बूढ़ा तालाब को मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कायाकल्प कर एक नई पहचान दी है। राजधानी की पहचान बूढ़ा तालाब को लगभग 600 साल पूर्व सन् 1402 में कलचुरी राजवंश के राजा ब्रम्हदेव द्वारा बनवाया गया था। राजाराय सिंह ने इसे विस्तारित किया तथा अपने इष्ट देव बूढ़ादेव के नाम से इसका नामकरण बूढ़ा तालाब किया। बूढ़ा तालाब-विवेकानंद सरोवर से स्वामी विवेकानंद जी की भी बचपन की स्मृतियां जुड़ी हैं। इस ऐतिहासिक विरासत को 6 माह के भीतर संवारा गया। इस दौरान कोरोना काल में लाॅकडाउन की बाधा भी आई,इसके बावजूद समय पर कार्य पूरा कर तालाब को नए एवं आकर्षक स्वरूप में पुर्नजीवित कर दिया गया है।

1700 ट्रक कचरा भी निकाला गया

बूढ़ा तालाब को संवारने में एक बड़ी समस्या तालाब के चारों तरफ फैली गंदगी भी थी। तालाब में अतिक्रमण से पनपी गंदगी, कचरा, जलकंुभियों एवं जमें गाद की वजह से तालाब लगातार प्रदूषित होता जा रहा था। लोगों ने भी बूढ़ा तालाब-विवेकानंद सरोवर से दूरी बनानी शुरू कर दी थी, लेकिन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने तालाबों के संरक्षण व संवर्धन को लोक जीवन से जोड़ते हुए इसके अस्तित्व को संवारने और इसे जन आकांक्षाओं के अनुरुप विकसित करने का संकल्प लिया। लगभग 1700 ट्रक कचरा एवं जलकुंभी निकालकर तालाब को एक नया रूप दिया गया है।

पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने की होगी क्षमता

बूढ़ा तालाब-स्वामी विवेकानंद सरोवर के उन्नयन कार्य को पूर्ण करने से पहले इसे न सिर्फ संवारने की दिशा में कार्य किया गया, तालाब के पानी को स्वच्छ बनाने और भीतर के अलावा बाहर के परिसर को भी आकर्षक व खूबसूरत बनाने का पूरा प्रयास किया गया है। यहां दुर्गा देवी मंदिर एवं सुलभ से चांदनी चैक तक के क्षेत्र में लैंड स्केपिंग, प्लेसमेंकिंग एवं रीक्रिएशनल जोन तैयार किया गया है, जिसमें हर वर्ग के नागरिकों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध है। विश्व का दूसरा बड़ा फाउंटेन बूढ़ा तालाब-विवेकानंद सरोवर की खूबसूरती में चार-चांद लगा रहा है। तालाब के किनारे नव-निर्मित संरचना से स्वामी विवेकानंद जी की विशाल प्रतिमा तक पहुंचने बने फ्लोटिंग डेक ‘जल सेतु‘ का अहसास कराते हंै। आकर्षक प्रवेश द्वार, दो स्तरीय पाथवें, म्यूजिकल फाऊंटेन, टबल फाऊंटेन, आकर्षक लैंड स्केपिंग और जगमगाती रोशनी से तालाब कीखूबसूरती का आनंद रायपुरवासियों के साथ देश भर से पहुंचने वाले पर्यटक ले सकते हैं।

मनोरंजन के साथ सुविधाओं का भी रखा गया है ध्यान

बूढ़ा तालाब-स्वामी विवेकानंद सरोवर अपने लोकार्पण के साथ ही सभी को आकर्षित करेगी। बच्चों से लेकर बड़े सभी यहां सुकून महसूस करेंगे। बच्चों के लिए बनाए गए चिल्ड्रन पार्क में उनकी जरूरतों को विशेष ध्यान रखा गया है। बच्चे यहां भरपूर मनोरंजन करेंगे। साथ ही शहर के नागरिकों के लिए ओपन जिम इक्यूपमेंट भी लगाया गया हैं। जहां वे अपना शारीरिक फिटनेस ठीक रख सकते हैं। यहां आने वाले पर्यटकों को किसी प्रकार से ट्रैफिक की समस्या का सामना न करना पड़े इसलिए यहां बेहतर पार्किंग के साथ सड़क का चैड़ीकरण भी किया गया है।