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कसडोल में मनाया जाएगा प्रतीकात्मक दशहरा, दशहरा उत्सव समिति गढ़ तोड़ने सहित लंबी खुद ऊंची कूद प्रतियोगिता का होगा आयोजन, प्रतिभागी होंगे पुरुस्कृत

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कसडोल में मनाया जाएगा प्रतीकात्मक दशहरा, दशहरा उत्सव समिति गढ़ तोड़ने सहित लंबी खुद ऊंची कूद प्रतियोगिता का होगा आयोजन, प्रतिभागी होंगे पुरुस्कृत

बलौदाबाजार/कसडोल । छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध दशहरा उत्सव इस वर्ष 25 अक्टूबर को प्रतीकात्मक रूप से मनाया जाएगा । कोरोना वायरस संक्रमण के चलते इस वर्ष विशालकाय रावण का पुतला नहीं जलाया जाएगा और आतिशबाजी भी नहीं होगी ।

   राजधानी रायपुर के डब्ल्यू आर एस कालोनी के बाद सबसे ज्यादा प्रसिद्ध कसडोल नगर के दशहरा उत्सव को माना जाता रहा है और यहाँ पर न केवल कसडोल नगर एवं क्षेत्रवासी बल्कि आसपास के जिलों से भी लोग दशहरा उत्सव देखने आते थे । विगत दिनों शान्ति समिति की बैठक में तामझाम के साथ दशहरा उत्सव नहीं मनाने का फैसला कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लिया गया था लेकिन जिले के अन्य स्थानों में दुर्गोत्सव का आयोजन हुआ और दशहरा पर्व की भी तैयारियां की जा रही है ऐसे में दशहरा उत्सव के लिए विख्यात कसडोल नगर में दशहरा उत्सव नहीं मनाया जाएगा तो वर्षों से चली आ रही परम्परा तथा लोगों के आस्था को आघात पहुंच रहा था इसलिए दशहरा उत्सव समिति द्वारा दशहरा उत्सव प्रतीकात्मक रूप से मनाए जाने का फैसला लिया गया है । इसमें गढ़ तोड़ने की प्रतियोगिता तथा आयोजित किए जाने वाले लंबी कूद और ऊँची कूद एवं अन्य प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी तथा प्रथम ,द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा तथा सोन पत्ती का वितरण समिति के सदस्यों द्वारा घर घर जाकर की जाएगी । दशहरा उत्सव समिति के अध्यक्ष एवं नगर पंचायत उपाध्यक्ष ऋत्विक मिश्रा ने बताया कि इस साल विशालकाय रावण का पुतला नहीं जलाया जाएगा और न ही आतिशबाजी होगी जो कि दशहरा उत्सव का प्रमुख आकर्षण होता था । इस वर्ष केवल प्रतीकात्मक रूप से दशहरा उत्सव मनाया जाएगा यह फैसला आम नागरिकों से लगातार मिल रहे सुझाव के बाद समिति द्वारा लिया गया है । उन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण के लिए शासन द्वारा जारी लॉक डाऊन के नियमों का पालन करने आम नागरिकों से अपील की है ।