Home देश जज साहब मैं तो… परीक्षा पास करके भी दिहाड़ी मजदूर का बेटा...

जज साहब मैं तो… परीक्षा पास करके भी दिहाड़ी मजदूर का बेटा नहीं ले सका IIT में एडमिशन, SC पहुंचा मामला

11
0

नई दिल्ली । एक गरीब दलित परिवार के बेटे अतुल कुमार ने JEE Advanced परीक्षा पास करके IIT धनबाद में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की सीट हासिल की थी। लेकिन खुशी तब गम में बदल गई जब अतुल 17,500 रुपये की फीस जमा नहीं कर पाया। यह फीस उसके परिवार के लिए बहुत बड़ी रकम थी। फीस जमा करने की आखिरी तारीख भी बेहद नजदीक थी। अपनी सीट बचाने के लिए अतुल ने कई दरवाजे खटखटाए – राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, झारखंड विधिक सेवा प्राधिकरण और मद्रास उच्च न्यायालय। आखिरकार 18 वर्षीय अतुल को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा।

एडमिशन फीस जमा करने की आखिरी तारीख

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के एक गरीब दलित परिवार के लिए खुशी और गर्व के पल आंसुओं में बदल गए। किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। एडमिशन फीस जमा करने की आखिरी तारीख चली गई। 17,500 रुपये की फीस जमा नहीं कर पाने के कारण अतुल की मेहनत पर पानी फिर गया। अतुल के पिता राजेंद्र दिहाड़ी मजदूर हैं। बेटे को पढ़ाने के लिए उन्होंने दोस्तों और रिश्तेदारों से पैसे उधार लिए लेकिन फिर भी बेटे का दाखिला न हो सका।

जब तक वह फीस जमा करता, घड़ी में 5 बज चुके थे

IIT धनबाद में सीट मिलने के बाद फीस जमा करने के लिए सिर्फ चार दिन का समय था। 24 जून शाम 5 बजे तक फीस जमा करनी थी। राजेंद्र किसी तरह 24 जून को शाम 4:45 बजे तक पैसे का इंतजाम कर पाए। समय कम था, इसलिए उन्होंने पैसा अतुल के भाई के खाते में जमा करवाया। अतुल ने फौरन एडमिशन वेबसाइट पर जरूरी दस्तावेज अपलोड कर दिए। लेकिन जब तक वह फीस जमा करता, घड़ी में 5 बज चुके थे।

आखिरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा

पोर्टल पर फीस जमा नहीं हो पाई और उसकी सीट रद्द कर दी गई। अपनी मेहनत से मिली सीट बचाने के लिए अतुल ने कई दरवाजे खटखटाए। अतुल ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से गुहार लगाई। आखिरकार, 18 वर्षीय अतुल को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। अतुल ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई कि गरीबी से बाहर निकालने के लिए उसके सपने को बचाया जाए।

कोर्ट के सामने क्या लगाई गुहार

मंगलवार को अतुल ने CJI डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ के सामने अपनी बात रखी। बताया कि उसने अपने दूसरे और आखिरी प्रयास में JEE एडवांस्ड पास किया था। कोर्ट से गुहार लगाई कि यदि एडमिशन नहीं मिला, तो वह इस प्रतिष्ठित सीट पर दोबारा प्रयास नहीं कर पाएगा। अतुल की याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने जॉइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी, IIT एडमिशन और IIT मद्रास से जवाब मांगा है। इस साल IIT मद्रास ने JEE एडवांस्ड की परीक्षा आयोजित की थी।

इन्होंने कहा
हम आपकी यथासंभव मदद करेंगे। लेकिन आप पिछले तीन महीनों से क्या कर रहे थे? फीस जमा करने की समय सीमा तो 24 जून को खत्म हो गई थी?

डी वाई चंद्रचूड़, CJI

वकील ने क्या बताया

इस पर अतुल के वकील ने बताया कि कैसे 24 जून की शाम 5 बजे तक 17,500 रुपये का इंतजाम करना उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं था। अतुल और उनका परिवार उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के टिटोरा गांव में रहता है। उनका परिवार गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करता है। अतुल के वकील ने कोर्ट को बताया कि कैसे अतुल और उनके भाई ने माता-पिता के साथ मिलकर पैसे जुटाने की कोशिश की थी।