पेरिस. भारत के पैरा एथलीट प्रवीण कुमार ने पेरिस पैरालंपिक के पुरुष ऊंची कूद टी64 स्पर्धा में एशियाई रिकॉर्ड तोड़कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। छोटे पैर के साथ पैदा हुए प्रवीण ने छह खिलाड़ियों में 2.08 मीटर से सत्र की सर्वश्रेष्ठ कूद लगाई और शीर्ष स्थान हासिल किया। भारत का यह कुल 26वां पदक है, जबकि यह छठा स्वर्ण है। भारत के खाते में अब तक नौ रजत और 11 कांस्य भी आ चुके हैं। प्रवीण का यह पैरालंपिक में लगातार दूसरा पदक है। इससे पहले उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक में 2.07 मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास से रजत पदक जीता था।
पैरालंपिक में पुरुष ऊंची कूद में स्वर्ण जीतने वाले दूसरे भारतीय
उत्तर प्रदेश के नोएडा के 21 वर्षीय प्रवीण मरियप्पन थंगवेलु के बाद पैरालंपिक में पुरुष ऊंची कूद में स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय पैरा एथलीट हैं। अमेरिका के डेरेक लोसिडेंट ने 2.06 मीटर के साथ रजत और उजबेकिस्तान के तेमरबेक जियाजोव ने 2.03 मीटर की जम्प के साथ कांस्य पदक अपने नाम किया। इस जीत के साथ ही प्रवीण कुमार ऐसे तीसरे भारतीय ऊंची कूद खिलाड़ी बने जिन्होंने पेरिस में पदक जीता है। उनसे पहले शरद कुमार ने रजत पदक जीता था, जबकि मरियप्पन ने पुरुष टी63 स्पर्धा में कांस्य पदक अपने नाम किया था। टी64 में वो एथलीट हिस्सा लेते हैं जिनके एक पैर के निचले हिस्से में मामूली रूप से मूवमेंट कम होता है या घुटने के नीचे एक या दोनों पैर नहीं होते।