राजधानी रायपुर के तेलीबांधा थाना क्षेत्र में कंस्ट्रक्शन कंपनी पीआरए ग्रुप के दफ्तर के बाहर फायरिंग करवाने की जिम्मेदारी जेल में बंद अमन साहू ने हरियाणा के अमनदीप वाल्मीकि को दी थी। बुधवार को गोलीकांड के मुख्य आरोपित सिरसा से गिरफ्तार गैंगस्टर अमनदीप वाल्मीकि उर्फ अम्मू सहित उसके दो अन्य साथी लक्ष्मण दास बाजीगर और रवि कुमार सेन को कोर्ट में पेश किया गया। गैंगस्टर अमनदीप वाल्मीकि को एक दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है। आरोपित से पूछताछ की जाएगी। वहीं फरार चल रहे एक आरोपित चमन को पंजाब से गिरफ्तार किया गया है। इसी ने आरोपितों के खाते में रकम डाली थी।
जानकारी के अनुसार चमन, मुख्य आरोपित अमनदीप और शूटरों का करीबी रहा है। उसने ही शूटरों को पिस्टल उपलब्ध करवाई थी। अमन साहू ने अमनदीप को शूटआउट के लिए सात लाख रुपये में सुपारी दी थी। कंस्ट्रक्शन कंपनी का झारखंड में 810 करोड़ का काम चल रहा है।
ठेका मिलने के बाद अमन साहू की गैंग चला रहे मलेशिया में बैठे मयंक सिंह ने 60 करोड़ रुपये फिरौती मांगी थी। पैसे नहीं मिलने पर धमकी दी गई। इसके बाद फायरिंग करवाई गई। रायपुर पुलिस ने डेढ़ माह में लारेंस और अमन साहू गैंग के 11 लोगों को गिरफ्तार किया है।
फिर वारंट जारी कराएगी पुलिस
गैंगस्टर अमन साव को लाने पुलिस चौथी बार वारंट जारी कराने का प्रयास करेगी। जब भी पुलिस पहुंचती है, उसके एक दिन पहले ही अमन को दूसरे जेल में शिफ्ट कर दिया जाता है। अमन पूरा जोर लगा रहा है कि पुलिस उसे रायपुर लेकर न ला सके।
रवि-लक्ष्मण से सिम और दस्तावेज उपलब्ध करवाए
रवि कुमार सेन और लक्ष्मण दास बाजीगर को सिम कार्ड सहित अन्य दस्तावेज उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। शूटरों के अलावा गिरोह के अन्य आरोपितों को भी इनके द्वारा दूसरे राज्यों के सिम कार्ड उपलब्ध करवाए गए, जिससे पुलिस अगर सिम मालिक के पास पहुंचे तो उन्हें सही व्यक्ति की पहचान न हो सके।