रायपुर . मौसम में हो रहे बदलाव के कारण अब सेहत पर भी इसका असर पड रहा है। बड़ी तादात में वायरल फीवर का संक्रमण भी फैल गया है। इसके मरीजों की संख्या पिछले दो हफ्ते से लगातार बढ़ रही है। सिम्स और शहर के सभी प्राइवेट हास्पिटल, क्लीनिक में बुखार, सर्दी-खांसी, गले में दर्द के मरीजों की कतार है। डाक्टर कहते हैं कि मौसम में उतार-चढ़ाव के साथ ही वायरल फीवर का प्रकोप बढ़ जाता है, क्योंकि इस समय मौसम में अचानक तेज धूप के साथ गर्मी पड़ रही है तो फिर बारिश हो जा रही है, उसके बाद उमस स्वास्थ्य गत परेशानी पैदा कर दे रहा है।लिहाजा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में वायरस जल्दी अटैक कर लेता है।
शहर में पिछले 15 दिनों से कुछ ऐसा ही हाल
शहर में पिछले 15 दिनों से कुछ ऐसा ही हाल बना हुआ है। तापमान में कुछ ही घण्टे में पांच से सात डिग्री तक का बदलाव हो रहा है। ऐसे में भीगने, उमस व गर्मी के साथ ही ठंडी हवा की चपेट में आने के कारण लोग बीमार हो रहे हैं। इस बार वायरल के असर में बदलाव देखा जा रहा है।अब तक यह संक्रमण सर्दी, खांसी, जुकाम और बुखार होने के बाद तीन-चार दिन में ठीक हो जाता था। लेकिन इस बार इसे ठीक होने में कम से कम सात से 10 दिन का समय लग रहा है। सरकारी के साथ ही प्राइवेट अस्पतालों में भी वायरल फीवर के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। 40 प्रतिशत मरीजों में वायरल फीवर है। सिम्स के चिकित्सको के मुताबिक वायरल के मरीजों की संख्या में पिछले दो-तीन हफ्तों में बहुत इजाफा हुआ है। पहले जहां दिनभर में 20-25 मरीज ही वायरल के आते थे। अभी 100 से अधिक मरीज रोज आ रहे हैं।
लीकेज पाइप लाइन के कारण बढ़ रहे डायरिया के मरीज
शहर अंतर्गत छोटे बड़े 27 स्लम एरिया को ही डायरिया के लिए संवेदनशील माना जाता रहा है, लेकिन अब यह धारणा बदलते जा रही है क्योंकि अब बढे रिहायसी क्षेत्रो में भी इनके मरीज मिल रहे है। जांच में यह बात सामने आई है कि नगर निगम के पाइप लाइन में लीकेज यह बीमारीं घरों तक पहुचा रहा है। हो यह रहा है कि नगर निगम की ज्यादातर पाइपलाइन नालियों से होकर गुजरती हैं, जिसमे जगह जगह लीकेज है और ये लीकेज ही पानी सप्लाई के दौरान नाली का दूषित पानी को खींचकर घरों लोग पी रहे और डायरिया से बीमार हो रहे है।
मौसम में बदलाव के साथ ही मरीजों की संख्या में भी वृध्दि हो गई है। अस्पताल में आने वाले ज्यादातर मरीज वायरल फीवर के है। डायरिया के भी मरीज पहुच रहे है। जिनका उपचार किया जा रहा है।