पटना. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सीएम नीतीश कुमार और उनकी पार्टी पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने चर्चित गोपाल यादुका मर्डर केस में जनता दल यूनाईटेड के प्रखंड अध्यक्ष शंभू जायसवाल के शामिल होने का आरोप लगाया। तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा कि पूर्णिया के भवानीपुर बाजार में विगत दिनों मारवाड़ी व्यवसायी गोपाल यादुका की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी।
सरकारी पार्टी के पदाधिकारियों को क्यों बचाया जा रहा है?
तेजस्वी यादव ने कहा कि गोपाल यादुका के परिजनों का आरोप है कि पुलिस सीसीटीवी में कैद मुख्य आरोपियों को बचा रही है तथा किसी और को फंसा रही है। हत्याकांड में सम्मिलित सरकारी पार्टी के पदाधिकारियों को क्यों बचाया जा रहा है? क्या यह संयोग है अथवा प्रयोग कि अधिकांश आपराधिक घटनाओं में संलिप्तता सत्ताधारी दल के नेताओं के इर्द-गिर्द ही क्यों रहती है? पत्रकारों से बातचीत के दौरान तेजस्वी यादव ने कहा कि इस मर्डर केस में जदयू के प्रखंड अध्यक्ष व जमीन कारोबारी शंभू जायसवाल का नाम आ रहा है। तेजस्वी यादव ने आरोप भी लगाया कि पुलिस किसी और को जानबूझकर फंसा रही है। दरअसल, तेजस्वी का इशारा राजद प्रत्याशी बीमा भारती के बेटे राजा पर था। राजा को पुलिस ने इस केस में आरोपी बनाया है। पुलिस ने उसपर हत्या की सुपारी देने का आरोप भी लगाया है।
विपक्ष के रूप में परिवार को न्याय दिलाना मेरी जिम्मेदारी है
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि जिम्मेदार विपक्ष के रूप में परिवार को न्याय दिलाना मेरी जिम्मेदारी है। स्व. यादुका के परिजन पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं हैं। सीसीटीवी फुटेज में भी शूटर का मिलान नहीं हो रहा है। यह सत्ता संरक्षित लोगों के द्वारा किया गया वारदात है। उन्होंने आरोप लगाया किपुलिस भी सत्ता के कहने पर काम कर रही है। जब मृतक के परिजन धमदाहा के जदयू प्रखंड अध्यक्ष शंभू जायसवाल का नाम इस हत्याकांड में बता रहे हैं तो फिर यहां की पुलिस इन्हें अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही है। बिहार के सुशासन बाबू इसकी जांच करवाने के बजाय निर्दोषों को फंसाने का काम करती है।
तत्कालीन एसपी ने जांच के बाद मुझे क्लीन चिट दे दी थी
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि व्यवसायी गोपाल यादुका की हत्या में भी सत्ता के लोग संलिप्त हैं। बावजूद इसके निर्देशों को फंसाकर पुलिस उसे जेल में डाल दिया है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिले में जितनी भी आपराधिक घटनाएं हो रही हैं, उस सभी घटना में सत्ता पक्ष के लोगों का नाम आता है। कि सत्ता आते-जाते रहती है। किसी को इसका घमंड नहीं करना चाहिए। तेजस्वी यादव ने कहा कि पहले भी पूर्णिया में हुए शक्ति मल्लिक हत्याकांड में मेरा नाम घसीटा गया था। तत्कालीन एसपी विशाल शर्मा ने जांच के बाद मुझे क्लीन चिट दे दी। तेजस्वी ने एसपी से अपील करते हुए कहा कि मृत गोपाल यादुका के परिजनों को पुलिस के अभी तक के जांच पर विश्वास नहीं है। उन्हें कानून के तहत काम करना चाहिए न कि किसी के दबाव में। उन्होंने कहा कि हमलोग इस बात को विधानसभा में उठाने का काम करेंगे और इस चर्चित हत्याकांड की जांच के लिए एसआईटी गठित करवाने का काम करेंगे। ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।