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जिला स्तरीय बहुभाषा कार्यशाला में राजनांदगांव, मोहला-मानपुर-अं. चौकी एवं खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के प्रतिभागी हुए शामिल

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राजनांदगांव। राज्य परियोजना कार्यालय, समग्र शिक्षा छत्तीसगढ़ रायपुर के निर्देशानुसार एवं कार्यालय कलेक्टर एवं जिला मिशन संचालक समग्र शिक्षा राजनांदगांव के मार्गदर्शन एवं डीएमसी सतीश ब्योहरे के निर्देशन में दिनांक 2 मार्च को जिला स्तरीय बहुभाषा शिक्षण के लिए प्रशिक्षण सह कार्यशाला आयोजित किया गया। इस कार्यशाला में बच्चों की भाषा में सीखने-सिखाने हेतु सामग्री निर्माण एवं उपयोग पर विशेष जोर दिया गया। इस प्रशिक्षण में राज्य स्तर से प्रशिक्षण प्राप्त किए मास्टर ट्रेनर्स द्वारा सभी विकासखंड से 5-5 शिक्षकों के हिसाब से 45 शिक्षकों को विकासखंड के मास्टर ट्रेनर्स के रूप में तैयार किया गया। विकासखंड के मास्टर ट्रेनर्स अपने-अपने विकासखंड में जोन स्तर पर प्रत्येक विद्यालय से एक शिक्षकों को बहुभाषा शिक्षण से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान करेंगे।
इस प्रशिक्षण में बच्चों के सीखने में भाषा की भूमिका और प्रथम भाषा के रूप में उनके घर के भाषा का महत्तव पर फोकस किया गया, जिसमें सीखने-सिखाने में बच्चों की भाषा का महत्व, भाषा विकास से संबंधित भ्रांतियां क्या-क्या है, बहुभाषा शिक्षा क्या है, बहुभाषा शिक्षा के लाभ को बताया गया, चूंकि बच्चें सबसे पहले अपनी बात को अपने घर की भाषा में करते है और वे अपनी भाषा के शब्दावलियों का प्रयोग करते हुए अपनी बात को कक्षा में रखते है, इसलिए शिक्षक को भी चाहिए कि बच्चों को कम से कम प्राथमिक स्तर तक की शिक्षा उनकी मातृभाषा में दिया जाये। इसके लिए बच्चों के घर की भाषा का प्रयोग विशेष रूप से करने की आवश्यकता है। बहुभाषा शिक्षा अंतर्गत बच्चों को दूसरी भाषा सिखाने की रणनीतियां एवं सामुदायिक सहभागिता सहित अन्य बिन्दुओं पर बारी-बारी से जानकारी दी गई।
इस अवसर पर सहायक जिला परियोजना अधिकारी पीसी मरकल्ले ने बताया कि नई शिक्षा नीति-2020 में प्राथमिक स्तर तक के बच्चों की शिक्षा उनकी मातृभाषा में दिए जाने का प्रावधान है। हमारे जिले में अधिकांश भागों में हिन्दी एवं छत्तीसगढ़ी बोली जाती है, जिसके संबंध में जिला स्तर एवं राज्य स्तर पर विभिन्न सामग्रियों का निर्माण हुआ है। राज्य स्तर पर भी छत्तीसगढ़ी भाषा में पाठ्य-पुस्तकों का प्रकाशन किया जा रहा है, जो निश्चित रूप से हमारे बच्चों के लिए विशेष लाभदायी है। एपीसी मो. रफीक अंसारी ने बताया कि प्राथमिक स्तर की शिक्षा उनके मातृभाषा में देने से बच्चें, स्कूली शिक्षा से जुड़ेंगे, नियमित रूप से स्कूल आएंगे और तभी हम एफएलएन के लक्ष्य की प्राप्ति कर पाएंगे। इस दौरान पीसी वासनिक, पीआर झाडे, अंगना मा शिक्षा के एसआरजी कमला सिन्हा, मास्टर ट्रेनर्स राजेश कुमार प्रजापति, रामलाल साहू, अविनाश मानिकपुरी, राम पटेल, स्वाति सोमवानी नेहा साहू तथा विकासखंड के मास्टर ट्रेनर्स एवं अन्य उपस्थित रहे।