राजनांदगांव। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सदस्य तथा वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुजीत दत्ता (बापी) ने कहा कि केंद्र में मोदी की सरकार नहीं वास्तव में महंगाई की सरकार है। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार आम आदमी और गरीबों की सरकार नहीं है, अगर होती तो हकीकत में चिंता करती और महंगाई इतनी ज्यादा नहीं बढ़ती सिर्फ पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमत बढ़ने से सारी चीजों की महंगाई आपसे आप बढ़ जाती है और वही हो रहा है। आगामी लोकसभा चुनाव में यदि यह सरकार लौट कर आएगी, तो निश्चित मानो कि भारी निरंकुश हो जाएगी। फिर देश की जनता के पास हाथ मलने के सिवाय कुछ नहीं रहेगा। लोकसभा चुनाव सिर पर है और यह आम पब्लिक के लिए एक बार नहीं 100 बार सोचने समझने का वक्त है। श्री दत्ता ने तालाब का उदाहरण देते हुए कहा कि यदि तालाब का पानी हर साल नहीं बदल जाए तो वह दूषित हो जाता है। केंद्र में 10 साल से जमी भाजपा सरकार इसी तरह दूषित वातावरण बना चुकी है, बेहतर यही होगा कि इसे इसे बदलकर लोकतंत्र की स्वास्थ्य परंपरा को जिंदा रखा जाए और किसी भी सरकार को लगातार चुनकर उन्हें निरंकुश होने का मौका नहीं दिया जाए।
श्री दत्ता ने आगे कहा कि मोदी राज में रोजमर्रा की जरूरतों के दाम बेतहाशा बढ़ गये है। 2014 में जो गैस का सिलेंडर 410 रूपये का था, आज वह 1000 रूपये के पार है। पेट्रोल के दाम 70 रूपये प्रति लीटर से बढ़कर 100 रूपये प्रति लीटर के पार हो गए हैं, जबकि डीजल के दाम 55 रूपये प्रति लीटर से बढ़कर 90 रूपये प्रति लीटर के करीब पहुंच गए हैं। अंतरराष्ट्रीय मार्केट में क्रूड आयल का दाम लगातार कम हो रहे है। 2014 की तुलना में वर्तमान में क्रूड आयल आधे रेट में मिल रहा है, लेकिन उसका लाभ आम जनता को नहीं मिल रहा है। खाने के तेल और दाल की कीमत 70 रूपये और 60 रूपये प्रति किलो थी, वह 200 रूपये प्रति किलो को पार कर गई है। इतना ही नहीं, बीते दिनों जीएसटी की बर्बर मार से दही, पनीर, लस्सी, आटा, सूखा सोयाबीन, मटर व मुरमुरे भी बच नहीं सके, उन पर भी 5 फीसदी जीएसटी लगा दिया गया। होटल के 1,000 रूपये के कमरे पर 12 प्रतिशत जीएसटी, अस्पताल के आईसीयू बेड पर 5 प्रतिशत जीएसटी, जीने के लिए सभी आवश्यक चीजों पर जीएसटी लगाकर चैन नहीं मिला तो श्मशान घाट के निर्माण पर भी जीएसटी बढ़ा दिया गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतें लगातार घट रही है, मगर मोदी सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम नहीं कर रही है। बीते 8 सालों में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर कर लगाकर 29 लाख करोड़ रुपए जनता की जेब से निकाले गए हैं। महंगाई के मुद्दे पर जनता बेबस और लाचार है और इसके लिए कांग्रेस विपक्ष पर बैठी कांग्रेस से पिछले 10 साल से गुहार लगा रही है। कांग्रेस महंगाई के विरुद्ध लगातार आवाज उठा रही है और यह महंगाई तभी काम हो पाएगी जब जनता कांग्रेस को सत्ता की चाबी सौपेगी।