राजनांदगांव। छग कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन राजनांदगांव अपने प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा एवं प्रांतीय सचिव एवं दुर्ग संभाग प्रभारी राजेश चटर्जी के आह्वान पर राजनांदगांव के जिला संयोजक डॉ. केएल टांडेकर, जिला महासचिव सतीश ब्यौहरे, छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय उपाध्यक्ष मनीष मिश्रा के नेतृत्व में राजनांदगॉव जिले में शासकीय सेवकगण अपनी केंद्र के समान 46 प्रतिशत डीए सहित चार सूत्रीय लंबित मांगों के समर्थन में मोदी की गारंटी का अमल करने भोजन अवकाश के समय दोपहर 1.30 बजे मुख्यमंत्री के नाम प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। तहसील-ब्लॉक-जिले के शासकीय सेवकगण अपने-अपने मुख्यालय में इकट्ठा होकर प्रदर्शन करते दिखाई दिए। इसी तारतम्य में विकासखंड राजनांदगांव में कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने फ्लाई ओव्हर के नीचे विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी एवं सदस्यगण एकजुट होकर अपने जायज मांगों के लिए हाथों में तख्ती लेकर जोरदार नारेबाजी करते जिला कार्यालय पहुंचे, जहां पर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। केंद्र के समान 46 प्रतिशत डीए एवं बकाया एरियर्स राशि को जीपीएफ खाते में समायोजित करने सहित चार सूत्रीय लंबित मांगों के समर्थन में शासकीय सेवकों ने अपनी ताकत दिखाई।
मांगों के विषय में छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के जिला संयोजक डॉ. केएल टांडेकर, महासचिव सतीश ब्यौहरे, छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय उपाध्यक्ष मनीष मिश्रा ने बताया कि पूर्व में भी कर्मचारी संगठनों द्वारा राज्य शासन को समय.समय पर अपनी जायज मांगो के निराकरण हेतु अनुरोध किया जाता रहा है, किन्तु राज्य शासन द्वारा शासकीय सेवकों के हित में समाधानकारक निर्णय नहीं लेने के कारण प्रदेश के कर्मचारीगण, अधिकारीगण, पेंशनर्स प्रताड़ित हो रहे है। शासन द्वारा राज्य सेवा के कर्मचारियों के वेतन में लगातार कटौती की जा रही है, और उनके मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है, जिसके कारण शासकीय सेवकों में निराशा और आक्रोश व्याप्त है और वे अपने हक की लड़ाई के लिये लामबद्ध हो रहे।
राजनांदगॉव विकासखंड में मुख्य रूप से विभिन्न संगठनों एवं संघों के अध्यक्षगण पदाधिकारीगण सदस्यगण सैकड़ों की तादाद में उपस्थित रहे, जिनमें में मुख्य रूप से प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ, दग अजाक्स संघ, छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन, छग लघुवेतन चतुर्थ वर्ग कर्मचारी संघ, छग वाहन चालक कर्मचारी संघ, छग स्वास्थ्य एवं बहुउद्देशीय कर्मचारी संघ, छग राजस्व पटवारी संघ, छग अनियमित कर्मचारी संघ, छग ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी संघ, छग प्रदेश शिक्षक फेडरेशन, छग शिक्षक संघ, छग राज्य पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ संघ, कर्मचारी कल्याण संघ (क्षेत्रीय परिषद), छग प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ, छग वन कर्मचारी संघ, छग लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ, पेंशनर्स एसोसिएशन छत्तीसगढ़ प्रदेश, छत्तीसगढ़ न्यायिक कर्मचारी संघ, छग डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोशियेशन, छग प्रदेश शिक्षक संघ, छग सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी संघ, छग राजस्व निरीक्षक संघ, छग सहायक शिक्षक फेडरेशन, छग आरएमए एसोशियेशन, छग प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ, महाविद्यालय प्राध्यापक संघ, छत्तीसगढ़ पेंशनर्स एसोसिएशन, छत्तीसगढ़ छात्रावास अधीक्षक कल्याण संघ, छत्तीसगढ़ महिला बाल विकास विभाग पर्यवेक्षक संघ, सहायक विकास विस्तार अधिकारी संघ, छग प्रदेश सचिव संघ, निगम मंडल महासंघ के प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।
फेडरेशन के पदाधिकारियों में मुख्य रूप राजेश मालवे, एसके ओझा, ड. केएल टांडेकर, मनीष मिश्रा, सतीश ब्यौहरे, रफीक खान, पीआर झाड़े, उत्तम फंदियाल, रामनारायण बघेल, आदर्श वासनिक, संतोष चौहान, टीकम सिंह ठाकुर, भूपेंद्र गणवीर, वीरेंद्र रंगारी, मनीष साहू, महेश सेजपाल, विजय यदु, अंबरीश प्रजापति, डॉ. अशोक जैन, डॉ. बीपी चंद्राकर, भूपेन्द्र कान्डे, अरूण देवांगन, संजय तिवारी, कौशल कुमार शर्मा, अजीत दुबे, विनोद मिश्रा, यशवंत सिन्हा, महेश साहू, डीएल चौधरी, सिद्धार्थ चौरे, केदार शांडिल्य, पुरुषोत्तम धु्रव, कृतलाल साहू, संजय सिंह, देवेंद्र सिंह ठाकुर, सुदेश यादव, रमेश साहू, जयंत बावने, एनएल देवांगन, उपेन्द्र रामटेके, हरीशचंद यादव, राज्य शेखर मेश्राम, दिलीप कुमार बारले प्रमुख रहे।
मांगों के विषय में छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के जिला संयोजक डॉ. केएल टाण्डेकर जिला महासचिव सतीश ब्यौहरे एवं छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय उपाध्यक्ष मनीष मिश्रा, ने यह भी बताया कि राज्य के कर्मचारी-अधिकारी, शासन के उपेक्षापूर्ण रवैये से क्षुब्ध एवं व्यथित होकर इसके विरोध में प्रदेश के सभी जिला एवं ब्लाक मुख्यालयों में एकत्रित होकर नई बाजी करते हुए मुख्यमंत्री के नाम प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। इस आंदोलन को राज्य सेवा के विभिन्न 110 से अधिक कर्मचारी एवं अधिकारी संगठनों का समर्थन प्राप्त है, जो राज्य शासन से अपनी मांगों को लेकर प्रदेशव्यापी आंदोलन के लिये कमर कस चुके हैं, यदि शासन छग कर्मचारी- अधिकारी फेडरेशन की लंबित 4 सूत्रीय मांगों पर शीघ्र कोई समाधानकारक ठोस निर्णय नहीं लेती है, तो वृहद स्तर पर प्रांतव्यापी अनिश्चित कालीन हड़ताल एवं धरना प्रदर्शन के रूप में परिणीत होगा, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी राज्य शासन की होगी।
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