नई दिल्ली । भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने कहा है कि नियति ने मोदी को पहले ही भगवान राम का भव्य मंदिर बनाने के लिए चुन लिया था। उन्होंने 22 जनवरी को अयोध्या में होने जा रहे राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा है कि रथ यात्रा ने वृहद रूप लिया और उसका दूरगामी परिणाम हुआ था। सूत्रों बताया कि आडवाणी ने एक पत्रिका के विशेष अंक के लेख में राम मंदिर के लिए निकाली गई अपनी रथ यात्रा का संस्मरण लिखा है। उन्होंने यादों को ताजा करते हुए कहा कि रथ यात्रा को 33 साल पूरे हो रहे हैं। वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी उस पूरी रथ यात्रा के दौरान उनके साथ थे। उस समय नरेंद्र मोदी ज्यादा प्रसिद्ध नहीं थे लेकिन उसी समय नियति ने उन्हें भगवान राम का भव्य मंदिर बनाने के लिए चुन लिया था। आडवाणी ने कहा कि उन्होंने जब रथ यात्रा शुरू की थी तब उन्हें यह नहीं पता था कि यह यात्रा देश में एक बड़े आंदोलन का रूप ले लेगी। लेकिन उसी दौरान भगवान राम ने अपने भव्य मंदिर के निर्माण के लिए अपने भक्त नरेंद्र मोदी को चुन लिया था।
वहीं राम मंदिर आंदोलन को अपनी राजनीतिक यात्रा की सबसे महत्वपर्ण घटना बताते हुए आडवाणी ने आंदोलन के दौरान अपने कई अनुभवों को भी लेख में शामिल किया है। राजनीति में दशकों तक उनके साथी रहे पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए यह भी कहा कि राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी की कमी बहुत खल रही है। राम मंदिर के सपने को साकार करने व अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर बनाने के उनके संकल्प को पूरा करने के लिए पीएम मोदी को बधाई देते हुए आडवाणी ने कहा कि जब पीएम मोदी राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा करेंगे तो वह उस समय देश के प्रत्येक नागरिक का प्रतिनिधित्व करेंगे।
गौरतलब है कि अयोध्या में 22 जनवरी को होने जा रहे प्राण प्रतिष्ठा समारोह कार्यक्रम के लिए लालकृष्ण आडवाणी को भी निमंत्रित किया गया है। हालांकि पहले यह कहा जा रहा था कि खराब स्वास्थ्य के कारण आडवाणी अयोध्या नहीं जा पाएंगे लेकिन विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने आडवाणी के कार्यक्रम में शामिल होने की पुष्टि करते हुए उनके स्वास्थ्य को देखते हुए डॉक्टर और मेडिकल तैयारी सहित तमाम व्यवस्थाएं अयोध्या में करने की जानकारी दी है।