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मोदी सरकार के काले कृषि कानून की तरह ही साबित हो रहा है एमवी एक्ट में संशोधन : मदन साहू

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राजनांदगांव। मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन एक बार फिर मोदी सरकार का काले ईरादे का दस्तावेज साबित हुआ है। जिला किसान कांग्रेस अध्यक्ष मदन साहू ने कानून में एमवी एक्ट में संशोधन के खिलाफ वाहन चालकों के प्रदर्शन का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि-देश के वाहन चालक कड़ा संघर्ष कर रहे हैं। मोदी सरकार का कानून में ये नया संशोधन भी किसानों के लिए लाए गए काले कृषि कानून की तरह ही साबित हो रहा है।
किसान कांग्रेस जिला अध्यक्ष मदन साहू ने कहा कि-आज तक वाहन चालकों को केंद्र सरकार की ओर से किसी तरह की योजनाओं का फायदा नहीं मिला है। अलबत्ता अब सरकार उन्हें 10 साल तक करावास में डालने और लाखों रुपए का हर्जाना भरने के लिए कानून लेकर आई है। सरकार जिसे दुर्घटना मान रही है उसमें वाहन चालक को ही दोषी ठहराना कहां तक उचित है।
उन्होंने कहा कि-सरकार ने परिस्थितिजन्य विषयों पर नहीं सोचा और ये नया कानून थोप दिया। जब सड़क पर कहीं कोई दुर्घटना होती है तो सौ मामलों में 90 बार आम जन बड़े वाहन के चालक को ही दोषी ठहराते हैं। ऐसी स्थिति में वाहन चालक मॉब लिचिंग का शिकार हो सकते हैं। आक्रोशित जनता कई बार वाहनों को आग के हवाले कर देती है। ऐसी ही कई तरह की घटनाएं आए दिन होती रहती हैं। वाहन चालक के सामने अपनी जान बचाने की चुनौती होती है।
मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए साहू ने कहा कि-अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करने जा रही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने हमेशा ही आर्थिक और दूसरी व्यवस्थाओं को चोट पहुंचाई है। जीएसटी, नोटबंदी, कृषि कानून जैसे विषय लेकर सरकार ने देश को विकास की रेस में पीछे धकेल दिया। अब एमवी एक्ट में संशोधन कर सीधे बड़े वाहन चालकों को ही दोषी ठहराए जाने का एक तरफा परिणामों वाला कानून थोपा जा रहा है। यह संशोधन तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए।