Home छत्तीसगढ़ बृजमोहन अग्रवाल को शिक्षामंत्री की जिम्मेदारी मिलना उत्साहवर्धक : फेडरेशन

बृजमोहन अग्रवाल को शिक्षामंत्री की जिम्मेदारी मिलना उत्साहवर्धक : फेडरेशन

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राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी, प्रांतीय प्रमुख महामंत्री सतीश ब्यौहरे, जिला संरक्षक मुकुल साव, जिला अध्यक्ष पीआर झाड़े, पीएल साहू, जितेंद्र बघेल, बृजभान सिन्हा, सीएल चंद्रवंशी, वीरेंद्र रंगारी, सोहन निषाद, अब्दुल कलीम खान, भूषण साव, स्वाति वर्मा, नवीन कुमार पांडे, उत्तम डड़सेना, देवचंद बंजारे, शिव प्रसाद जोशी, खोम लाल वर्मा, हेमंत पांडे, लीलाधर सेन, पुष्पेंद्र साहू, संजीव मिश्रा, हेमंत दोंदिलकर, श्रीमती संगीता ब्यौहरे, श्रीमती अभिषिक्ता फंदियाल, सुधांशु सिंह, पायल देवांगन, वंदना पानसे, शिरीष कुमार पांडे, रमेश साहू, राजेश शर्मा, नरेश प्रसाद दुबे, रानी ऐश्वर्य सिंह ने बृजमोहन अग्रवाल को स्कूल शिक्षा विभाग के मंत्री का दायित्व मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग के अव्यवस्थित कार्यप्रणाली को सुधारने में बृजमोहन अग्रवाल का अनुभव तथा उनके निर्णय लेने की क्षमता से शिक्षक संवर्ग के विभागीय सेवाकालीन मुद्दों का समाधान होगा।
फेडरेशन का कहना है कि राज्य स्तर पर पदोन्नति विगत पंांच वर्षों से लंबित है। स्कूल शिक्षा विभाग के भर्ती पदोन्नति नियम 5 मार्च 2019 में वर्णित नियमों एवं प्रावधानों के विरुद्ध वरिष्ठता सह उपयुक्तता को दरकिनार करते हुए प्रशासकीय पदों पर पदीय जूनियर व्यक्ति को पदस्थ किया गया है, जिसके कारण प्रशासकीय व्यवस्था एवं नियंत्रण बिगड़ गया है। विभागीय अधिकारी के उच्च पद पर जुनियर व्यक्ति पदस्थ हैं। सीनियर व्यक्ति अपने जूनियर के अधीन काम करने विवश हैं, जिसके कारण प्रशासकीय असंतुलन पैदा हो गया है। वरिष्ठ व्यक्ति पदोन्नति पाने के आस में सेवानिवृत्त हो गए हैं अथवा होने वाले हैं।
फेडरेशन का कहना है कि प्राचार्य पद पर पदोन्नति का मामला हो अथवा व्याख्याता पद पर पदोन्नति हो, केवल विवाद और कागजी घोड़ा दौड़ रहा है। शिक्षा विभाग में प्रभारवाद हावी है, जिसका समाधान आवश्यक है। सहायक शिक्षक संवर्ग (ई एवं टी) को त्रि-स्तरीय समयमान-वेतनमान स्वीकृत नहीं हुआ लेकिन विभाग मौन है। वेतन विसंगति के मुद्दे पर हड़ताल हुआ, कमेटी बनी, लेकिन कोई निर्णय नहीं हुआ। विभागीय कामकाज का ये आलम है कि प्राथमिक प्रधान पाठक (अराजपत्रित) को वेतनमान 15600-39100 ग्रेड पे 5400 रूपये (लेवल-12) स्वीकृत हो जाता है, लेकिन उच्च पद पूर्व माध्यमिक प्रधानपाठक (राजपत्रित) के मामले में विभाग मौन है।
फेडरेशन का कहना है कि स्कूलों को स्वामी आत्मानंद स्कूल (सेजस) में परिवर्तित कर स्वीकृत पदों को एक प्रकार से समाप्त कर दिया गया है। इन विद्यालयों में पदस्थ शिक्षकों के पदस्थापना को परिवर्तित कर प्रतिनियुक्ति में पदस्थ किया गया है। वेतन मद के स्थान पर अनुदान मद से वेतन भुगतान हो रहा है। सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों के फाइनल पेमेंट का भुगतान गैर-सेजस स्कूलों के स्वीकृत रिक्त पदों से हो रहा है। सेवानिवृत्त प्राचार्य के लिए आवश्यक न मांग न जांच न घटना प्रमाण पत्र जारी करने में विभागीय लेटलतीफी के कारण पेंशन-ग्रेच्यूटी महीनों रुक जाता है। एनपीएस से ओपीएस के मामले में शिक्षक संवर्ग की सर्वाधिक संख्या लाभ-हानि के दुविधापूर्ण स्थिति में है। फेडरेशन का कहना है कि शिक्षा विभाग का अमला अन्य विभागों के तुलना में बहुत बड़ा है। अतः मुद्दे भी बहुत हैं। फेडरेशन का मानना है कि बृजमोहन अग्रवाल का अनुभव तथा उनके निर्णय लेने की क्षमता से शिक्षक संवर्ग के विभागीय मुद्दों का निश्चितरूप से समाधान होगा।