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त्रुटिपूर्ण मतदान व अपूर्ण मतगणना के निर्वाचन को शून्य करें आयोग : रूपेश दुबे

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राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एवं राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी गिरीश देवांगन के निर्वाचन अभिकर्ता रूपेश दुबे एवं कांग्रेस के टेबल न 11 के गणना एजेंट महेंद्र शर्मा ने निर्वाचन आयोग से बूथ नंबर 123 की मतों की गणना ना करने के निर्णय पर आपत्ती दर्ज कराते हुए निर्वाचन आयोग दिल्ली एवं रायपुर हेतु दस्तावेजी प्रमाण सहित शिकायत सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी से की है।
प्रवक्ता एवं निर्वाचन अभिकर्ता रूपेश दुबे ने बताया कि निर्वाचन के दौरान बूथ न 123 में ईवीएम से मतदान संपन्न कराया गया। पीठासीन अधिकारी में मतगणना प्रपत्र 17ब तैयार करते है। साथ-साथ उसे प्रपत्र सी और सीयू के अंतर होने की स्थिति उसकी वीवीपैट से की जाती है, लेकिन आयोग ने हार-जीत के अंतर को आधार बना कर एक अव्यवहारिक निर्देश जारी किया है, जिससे लोकतंत्र के महापर्व में भाग लेने वाले मतदाताओं के मतदान की गिनती नहीं की जा सकी है, ऐसी स्थिति में उनके अधिकारों पर कुठाराघात होने के साथ-साथ लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शशंकित है, क्योंकि मतदाता ने तो अपना मत दिया है और उसकी गणना नहीं किए जाने की स्थिति में वह मत व्यर्थ हो जाता है, जो लोकतंत्र के लिए उचित नहीं है। साथ ही प्रपत्र 20 में उसे मतों का लिखा भी नहीं जाना संपूर्ण निर्वाचन के मतगणना को अपूर्ण प्रमाणित करता है। अपूर्ण मतगणना में घोषित परिणाम अवैध है। मतगणना के दौरान ही रिटर्निंग ऑफिसर के समक्ष आपत्ति दर्ज कराकर बूथ नंबर 123 मतों की गणना करने एवं गणना पूर्ण होने तक निर्वाचन प्रमाण पत्र जारी नहीं करने हेतु आवेदन दिया गया था, किंतु आयोग के अव्यवहारिक निर्देश को आधार बनाकर आपत्ति निरस्त कर दी गई। लोकतंत्र के महापर्व में यदि मतदाताओं के मतों की गिनती नहीं होगी, तो आम जनता का भी विश्वास लोकतंत्र के महापर्व निर्वाचन से विश्वास उठ जाएगा। ऐसी स्थिति में ऐसे अव्यवहारिक निर्देश को निरस्त करने के लिए एवं इस निर्णय के कारण अपूर्ण मतगणना में हुए परिणाम की घोषणा को निरस्त करते हुए राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन को निरस्त करने हेतु शिकायत प्रस्तुत की गई है, क्योंकि प्रपत्र 17 के गलत प्रविष्ठि से मतदान तो दूषित हुआ ही और मतो की गणना नहीं करने से मतदाताओं का अपमान हुआ। अतः दोनों प्रक्रिया से पूरी निर्वाचन की प्रक्रिया धूमिल हुई है। अतः निर्वाचन निरस्त करना ही एक अंतिम विकल्प है। अतः निर्वाचन निरस्त किया जाकर पुनः राजनांदगांव के लिए निर्वाचन करा कर लोकतत्र की रक्षा की जाये।