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बगावत ही बगावत, इस्तीफे ही इस्तीफे

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मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 संपन्न होने में लगभग 1 महीने का समय रह गया है। चुनावों के लगभग 1 महीने पूर्व भारतीय जनता पार्टी के द्वारा उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के पश्चात दूसरी, तीसरी एवं चौथी सूची भी जारी हो चुकी है । वहीं भारतीय जनता पार्टी से मुकाबला करने वाली प्रमुख राजनीतिक पार्टी कांग्रेस द्वारा 24 घंटे पूर्व जैसे ही पहली सूची जारी की गई, कांग्रेस पार्टी में बगावत से लेकर प्रदेश नेतृत्व का पुतला दहन की घटनाएं होने लगी। ग्वालियर चंबल के साथ-साथ विंध्य क्षेत्र, बुंदेलखंड, मालवा से लेकर मध्य प्रदेश के लगभग सभी संभागों में कांग्रेस पार्टी के एक दर्जन से अधिक संभावित उम्मीदवार पार्टी छोड़कर बागी होने के साथ-साथ बहुजन समाज पार्टी जॉइन कर चुके हैं एवं निर्दलीय रूप से कई उम्मीदवार चुनाव लड़ने की घोषणा करने के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी से त्यागपत्र दे चुके हैं । कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी की गई पहली सूची के साथ ही इतनी बड़ी बगावत एवं पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के विरुद्ध आरोप प्रत्यारोप का दौर सड़कों पर आ चुका है । पार्टी द्वारा पिछले एक वर्ष के अंतराल में यह दावा किया जा रहा था कि ग्वालियर चंबल से लेकर विंध्य क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहेगा, इसके उलट सबसे अधिक बगावत एवं विरोध का स्वर एवं पार्टी छोड़ने वाले सबसे अधिक नेता ग्वालियर चंबल एवं विंध्य क्षेत्र से ही सामने आ रहे हैं।

ग्वालियर चंबल में सड़कों पर आई लड़ाई

पिछले 24 घंटे में ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में सबसे अधिक बगावत, पार्टी छोड़ने और सड़कों पर प्रदर्शन का सिलसिला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक सर्वप्रथम ग्वालियर में ग्रामीण क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के दावेदार केदार सिंह कंसाना ने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के साथ-साथ प्रदेश नेतृत्व पर तानाशाही का आरोप लगाया है। चंबल संभाग से सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र से बगावत का एक और तमाशा सामने आया है। कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करने के साथ क्षेत्र में सक्रिय रहे केदार सिंह मैकाले ने कांग्रेस पार्टी के प्रदेश नेतृत्व पर हरिजन अत्याचार का आरोप लगाने के साथ इसे शोषण की पराकाष्ठा कहा । जानकारी के अनुसार बैजनाथ कुशवाहा को यहां कांग्रेस पार्टी ने मैदान में उतारा है वहीं दूसरी ओर जाटव समाज के 45000 से अधिक वोट होने के बाद भी केदार सिंह मैकाले को टिकट नहीं मिला है । इसके अतिरिक्त लहार विधानसभा क्षेत्र सहित भिंड एवं शिवपुर कला क्षेत्र में भी विरोध का सिलसिला लगातार दिखाई दे रहा है ।

बुंदेलखंड में भी बगावत के स्वर तेज, इस्तीफों का सिलसिला जारी
बुंदेलखंड संभाग से भी पिछले 24 घंटे के अंतराल में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों की लिस्ट जारी होने के साथ ही विरोध, आरोप-प्रत्यारोप का दौर बगावत की स्थिति में पहुंच गया । कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष व बड़े नेता अजय सिंह यादव ने टीकमगढ़ के प्रत्याशियों में पिछड़ों की उपेक्षा किये जाने पर इस्तीफा दे दिया । वहीं दूसरी ओर नरयावली विधानसभा से 2 बार से जीत रही शारदा खटीक ने भी टिकट कटने की वजह से पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इसी तरह छतरपुर एवं टीकमगढ़ विधानसभा क्षेत्र के साथ-साथ अन्य बुंदेलखंड के क्षेत्र में हुई बगावत का सिलसिला थमता हुआ दिखाई नहीं दे रहा । खरगपुर विधानसभा क्षेत्र से लेकर महाराजपुर एवं अन्य जिलों में कई विधानसभा सीटों पर जमकर विरोध कांग्रेस पार्टी की सूची के विरोध में दिखाई दे रहा है ।

विंध्य में बगावत एवं इस्तीफे का दौर शुरू

पूर्व विधानसभा चुनाव में सबसे अच्छा प्रदर्शन भारतीय जनता पार्टी द्वारा इस क्षेत्र में किया गया था । इसका मुकाबला करने के लिए कांग्रेस पार्टी ने इस बार इस क्षेत्र में सबसे अच्छी रणनीति बनाने का काम किया था परंतु पहली लिस्ट सामने आने के साथ ही नागौद विधानसभा क्षेत्र से राजशाही परिवार से संबंधित रहे दो बार के विधायक यादवेंद्र सिंह ने कांग्रेस और कमलनाथ पर आरोपों की झड़ी लगा दी। कांग्रेस पार्टी से टिकट नहीं मिलने की स्थिति में सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर आरोप लगाते हुए सदस्यता से इस्तीफा देने के साथ ही बहुजन समाज पार्टी जॉइन कर ली। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में लफंगों का कब्जा हो चुका है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए कहा कि मद में चूर इस कमलनाथ को सबक जरूर सिखाऊंगा ।
कांग्रेस छोड़ बीएसपी जॉइन करने वाले पूर्व विधायक यादवेन्द्र सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर हमला बोलते हुए कहा कि इस कमलनाथ को सबक जरूर सिखाऊंगा। यदि टिकट सही ढंग से दी जातीं तो विन्ध्य में कांग्रेस को 30 में से 24 सीटें मिलतीं लेकिन कांग्रेस में अब लफंगे लोग टिकट बांट रहे हैं जो महिलाओं का हाथ पकड़कर केक खिलाते हैं ।

बगावत ही बगावत, इस्तीफे ही इस्तीफे
मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव के अंतर्गत संभवत: पहली बार ऐसा हुआ है कि कांग्रेस पार्टी की पहली सूची के साथ इतना बड़ा विरोध प्रदेश भर में सामने आया हो । मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में लगभग एक दर्जन से अधिक लोगों ने पिछले 24 घंटे के अंदर इस्तीफा देने के साथ-साथ बहुजन समाज पार्टी जॉइन कर ली है अथवा निर्दलीय लड़ने के लिए ऐलान कर दिया है ।
अलीराजपुर, धार और गुनौर से भी दावेदारों ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया है। कांग्रेस पार्टी का मालवा क्षेत्र में बड़ा चेहरा रहे एवं पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने निर्दलीय चुनाव लड़ने के ऐलान के साथ ही कहा कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के पुराने नेताओं के साथ-साथ कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हो रही है । मालवा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी का बड़ा नाम प्रेमचंद गुड्डू ने आलोट विधानसभा क्षेत्र से टिकट नहीं मिलने की वजह से निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। वहीं दूसरी ओर धरमपुरी, उज्जैन उत्तर विधानसभा क्षेत्र से भी बगावत सामने आई है। कुल मिलाकर बगावत की स्थितियों से स्पष्ट है कि आने वाले समय में कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ा नुकसान होने वाला है । दूसरी ओर बगावत करने वाले लगभग 100% लोगों ने कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता कमलनाथ को सीधे-सीधे दोषी बताया है ।