राजनांदगांव। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को एक वर्ष पूरे हो गए। इन एक वर्षों में मोहब्बत फैलाने के एवज में उन्हें बहुत कुछ सहना पड़ा, लेकिन अंततः सत्य के जीत हुई। देशवासियों के जख्मों पर मरहम का काम करने वाले भारत जोड़ो यात्रा ने देश को संदेश दिया कि नफरत छोड़ो भारत जोड़ो।
हम सब राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की कल वर्षगांठ मनायेंगे। देश के वर्तमान हालात में जब क्षेत्रियता, धर्म, सांप्रदायिकता के नाम पर देश की सत्ता में बैठे हुये लोग राजनीति कर रहे है, वैसे में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा देश के लोगों के सामने एक नई उम्मीद लेकर सामने आई थी, जब देश चलाने वाली दल सत्ताधीश और हुक्मरान आम आदमी की जरूरतों शिक्षा, रोजगार को परिदृश्य पीछे धकेल कर धार्मिक आधार पर धु्रवीकरण की राजनीति को बढ़ावा दे रहे हो तब उस समय कांग्रेस जैसी जन सरोकार वाली पार्टी का यह नैतिक और राजनैतिक कर्तव्य हो जाता है कि वह देश को बचाने देश की एकता और अखंडता को बचाने के लिये भारत जोड़ो जैसा महाअभियान चलाये भारत जोड़ो यात्रा का यही उद्देश्य था।
भारत जोड़ो यात्रा की यादें ताजा करते हुए भारत यात्री क्रांति बंजारे ने कहा कि उन लम्हों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। क्रान्ति ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हजारों लोगों का एक पालक की तरह ख्याल रखने वाले राहुल गांधी ने सबको एक ऐसे अपनत्व का एहसास दिलाया, जो कभी भुलाया नहीं जा सकता।
क्रान्ति बंजारे ने भारत जोड़ो यात्रा के यादों को याद करते हुए कहा कि यात्रा के दौरान मेरी तबियत बिगड़ गई थी, लेकिन कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं ने हाथों हाथ मेरा इलाज करवाया और स्वस्थ हो कर मै पुनः यात्रा में शामिल हो गई। क्रान्ति बंजारे ने कहा के देश के कोने-कोने से भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए लोगों से मिलकर उनकी स्थानीय संस्कृति को जानने समझने का अवसर मिला।
क्रान्ति बंजारे ने आगे कहा कि पिछले साल 7 सितंबर 2022 को हमारे नेता राहुल गांधी ने ऐतिहासिक भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी जो भारत के किसी भी राजनेता द्वारा अब तक की सबसे लंबी पदयात्रा है। 4,081 किलोमीटर, 12 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों 75 जिलों और 76 लोकसभा क्षेत्रों की 136 दिनों की यात्रा ने लोगों के मन पर एक अमिट छाप छोड़ी है। लाखों लोग प्रेम और एकता के साथ धर्म, समुदाय, जाति आदि की परवाह किए बिना हर भारतीय को एकजुट करने की राहुल जी की अटूट भावना से मंत्रमुग्ध थे।