राजनांदगांव। हिन्दू युवा मंच जिला इकाई ने स्वाधीनता दिवस से एक दिन पूर्व विशाल बाईक रैली निकालकर आजादी का पर्व पूरे धूमधाम से मनाया। स्वाधीनता रैली के माध्यम से अखंड भारत निर्माण की परिकल्पना को सार्थक करने के महत्वकांक्षी उद्देश्य के चलते इस दिन को यादगार बनाने हिन्दू युवा मंच ने स्वाधीनता रैली निकालकर पूरे वातावरण को देश भक्तिपूर्ण कर दिया। इस गरिमापूर्ण आयोजन में नगर की प्रथम नागरिक श्रीमती हेमा देशमुख और पूर्व सांसद मधुसूदन यादव, हिन्दू युवा मंच के जिला प्रभारी आलोक खापर्डे, वीरेंद्र चौहान, अर्पित बरनवाल भी शरीक हुये।
उक्त स्वाधीनता रैली हिन्दू युवा मंच के जिला अध्यक्ष किशोर माहेश्वरी के मार्गदर्शन में और शहर अध्यक्ष सुरेश लोहमार, शहर संयोजक राजा ताम्रकार और जिला उपाध्यक्ष अभिषेक शर्मा के नेतृत्व में निकाली गई थी। पूरी रैली के दौरान भारत माता के जयघोष के गगनचुम्बी नारों और देशभक्ति गीतों के सुरमयी गीतों के बीच हिन्दू युवा मंच के युवाओं की देशभक्ति का जज्बा देखते ही बन रहा था। देश की एकता, अखण्डता और सम्प्रभुता को चीर स्थाई बनाने और संस्कारधानी नगरी सहित समूचे जिले में देशभक्ति का संचार करने की झलक स्वाधीनता रैली में साफ तौर पर दिखाई दी। कार्यक्रम में विशेष रूप से महापौर श्रीमती हेमा देशमुख, पूर्व सांसद और वर्तमान भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष मधुसूदन यादव, हिन्दू युवा मंच के जिला प्रभारी आलोक खापर्डे, समाजसेवी वीरेंद्र चौहान, रामकृष्ण नगर के युवा पार्षद गगन आईच, अर्पित बरनवाल सहित हिन्दू युवा मंच जिला इकाई, गंडई, डोंगरगढ़ और डोंगरगाँव नगर इकाई, घुमका, सोमनी, अर्जुनी और सुरगी मंडल के साथ-साथ शहर के गणमान्य नागरिकों ने भी पूरे उत्साह के साथ भाग लिया। दोनों ही अतिथियों महापौर श्रीमती हेमा देशमुख और पूर्व सांसद मधुसूदन यादव ने हिन्दू युवा मंच के देशभक्ति पूर्ण इस आयोजन की भूरी-भूरी प्रशंसा की। दोनों ही अतिथियों ने हिन्दू युवा मंच संगठन को एक क्रांतिकारी विचारधारा वाला और शहर तथा देश के हित में कार्य करने वाला प्रगतिवादी संगठन बताया। स्वाधीनता रैली से पूर्व देशभक्ति गीतों से सजी सुरमयी श्रृंखला भी आयोजित की गई थी। स्वाधीनता रैली स्थानीय स्वामी विवकानंद चौक से प्रारंभ होकर, शहर के मुख्य मार्गों से गुजरते हुए वापस स्वामी विवेकानंद चौक पर समाप्त हुई। उक्त रैली का उद्देश्य स्वतंत्रता का मूल्य समझाना, देश की एकता, अखण्डता और सम्प्रभुता को चीर स्थाई बनाना और देशभक्ति का अलख जगाना था।