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सावन माह इतना शुभ माने जाते हैं कि इस दौरान महिलाओं की पूजा-अर्चना से उनके पति का दुर्भाग्‍य भी सौभाग्‍य में परिवर्तित हो जाता है:- आचार्य डॉ. विक्रांत महाराज

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दुर्ग: गंजपारा बाबा रामदेव मन्दिर में चल रहे श्री गंगाधर शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन कथा व्यास से आचार्य डॉ. विक्रांत महाराज ने भगवान शिव और माता सती के विवाह को कथा सुनाते हुए कहा कि पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव ने सबसे पहले सती से विवाह किया था. भगवान शिव का यह विवाह बड़ी जटिल परिस्थितियों में हुआ था.
सती के पिता दक्ष भगवान शिव से अपने पुत्री का विवाह नहीं करना चाहते थे लेकिन ब्रह्मा जी के कहने पर यह विवाह सम्पन्न हो गया. दक्ष ने एक विराट यज्ञ का आयोजन किया लेकिन उन्होंने अपने दामाद और पुत्री को यज्ञ में निमंत्रण नहीं भेजा. फिर भी सती अपने पिता के यज्ञ में पहुंच गई. दक्ष ने पुत्री के आने पर उपेक्षा का भाव प्रकट किया और शिव के विषय में सती के सामने ही अपमानजनक बातें कही. सती बर्दाश्त नहीं कर पाई और इस अपमान की कुंठावश उन्होंने वहीं यज्ञ कुंड में कूद कर अपने प्राण त्याग दिए.
सती के शरीर का जो हिस्सा और धारण किए आभूषण जहां जहां गिरे वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आ गए.
आचार्य डॉ. विक्रांत महाराज ने बताया कि सावन में प्रतिदिन श्री शिवमहापुराण की कथा सुनने और पढ़ने का विशेष महत्‍व है। माना जाता है कि इस समय में अगर विधि विधान से शिव जी की पूजा अर्चना की जाए, सावन के सोमवार और प्रदोष व्रत रखे जाएं, तो महिलाओं का भाग्य जाग जाता है।
सावन के सोमवार इतने शुभ माने जाते हैं कि इस दौरान महिलाओं की पूजा-अर्चना से उनके पति का दुर्भाग्‍य भी सौभाग्‍य में परिवर्तित हो जाता है। इस दौरान श्री शिवमहापुराण पढ़ने का विशेष फल मिलता है। दरअसल इसमें कथा में केवल शिव ही नहीं, बल्कि ब्रह्मा, विष्णु, कार्तिकेय और गणेश जैसे देवों के बारे में भी लिखा है। इसमें सती की कथा है, शिव जी का सती से वियोग का वर्णन है, साथ ही शिव जी और गणेश जी की लीलाओं का भी वर्णन है। जिसे हर मनुष्य को पढ़ना एवं सुनना चाहिए..
आज की कथा में मोना शर्मा, पूनम यादव, प्रमिला देवांगन, उषा दुबे, तारा शर्मा, नीरा चौहान, अनिता शर्मा, स्वपना गुप्ता, दिनेश शर्मा, तरुण पांडेय, राजेन्द्र गुप्ता, दीपक यादव, अनुपम यादव, संतोष यादव, संतोष सोनी, रमेश शर्मा, संजय सिन्हा, विशाल सिंह चौहान, अभिषेक चौहान, सनत कुमार देशमुख, चेतुराम सिन्हा, तारण सिंह राजपूत, मुंशीराम साहू, रितेश साहू, पुरुषोत्तम शर्मा, भरत सिन्हा अनिल पांडेय, सरिता शर्मा, कविता शर्मा, सरोज जोशी, सरिता शर्मा एवं सैकड़ो धर्मप्रेमी उपस्थित हुए..