बेंगलुरु । कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत को देर से एयरपोर्ट पहुंचने पर उड़ान में नहीं चढ़ने दिया गया, इसके बाद वह करीब डेढ़ घंटे बाद दूसरी उड़ान से हैदराबाद के लिए रवाना हुए। मिली जानकारी के अनुसार राज्यपाल के देर से पहुंचने पर एयर एशिया की उड़ान आई-5972 पर चढ़ने से मना कर दिया गया। गौरतलब है कि राज्यपाल को हैदराबाद जाना था। राजभवन ने इसे लेकर प्रोटोकॉल के उल्लंघन की शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद एयरलाइंस कंपनी ने माफी मांगी है। जानकारी के अनुसार गुरुवार को गहलोत को विमान में चढ़ने की अनुमति नहीं दी गई और यह बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से रवाना हो गया। राज्यपाल के प्रोटोकॉल अधिकारी एम. वेणुगोपाल ने इस घटना के लिए एआईएक्स कनेक्ट और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए हवाई अड्डे के थाने में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के बाद मामला तूल पकड़ा, जिसके बाद एयरलाइंस ने माफी मांगी है।
राज्यपाल गहलोत को गुरुवार दोपहर दो बजकर पांच मिनट पर टर्मिनल-2 से एएक्सआई कनेक्ट की उड़ान संख्या आई-5972 में हैदराबाद जाना था। शिकायत में कहा गया है कि राज्यपाल एक बजकर 10 मिनट पर राजभवन से रवाना हुए और एक बजकर 35 मिनट पर टर्मिनल-1 के वीआईपी लाउंज पहुंचे। राज्यपाल का सामान विमान में रखवा दिया गया था। प्रोटोकॉल अधिकारी ने कहा कि उन्होंने हवाई अड्डे की अतिथि संबंध सहायक संस्कृति के साथ मिलकर राज्यपाल के लिए विमान में सवार होने की व्यवस्था की। अधिकारी ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल के एडीसी को भी टर्मिनल-2 पर पहुंचने की सूचना दे दी थी। राज्यपाल दोपहर दो बजकर छह मिनट पर विमान की सीढ़ी के पास पहुंचे। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि हालांकि एयर एशिया (एआईएक्स कनेक्ट) के कर्मचारी आरिफ ने राज्यपाल को विमान में सवार होने की अनुमति देने से इनकार करते हुए कहा कि पहुंचने में देर हुई है। हालांकि तब तक भी विमान के गेट खुले हुए थे।
वेणुगोपाल ने कहा उसी दौरान राज्यपाल का सामान उतार दिया गया, जिसमें 10 मिनट खराब हो गए। राज्यपाल तब भी सीढ़ी के पास खड़े थे और विमान के दरवाजे खुले थे। फिर भी विमान में सवार होने की अनुमति न देकर राज्यपाल की उपेक्षा और अपमान किया गया। उन्होंने कहा कि इसके बाद राज्यपाल वीआईपी लाउंज में लौट गए। फिर 90 मिनट बाद दूसरी उड़ान से राज्यपाल हैदराबाद पहुंचे। विमानन कंपनी ने घटना पर खेद व्यक्त किया और कहा कि वे चिंताओं को दूर करने के लिए राज्यपाल के कार्यालय के संपर्क में हैं।