आज के समय में लोग अपनी हेल्थ का काफी ध्यान रखते हैं। इसके लिए जिम आदि का भी सहारा लेते हैं। कई बार लोगों जिम करते समय चोटिल हो जाते हैं, जिस कारण हॉस्पिटल तक में उन्हें भर्ती होना पड़ता है। ऐसे में लोगों को मन में सवाल उठता है कि जिम करने के दौरान चोट लगने पर क्या मेडिकल इंश्योरेंस क्लेम ले सकते हैं या नहीं।
पिछले कुछ सालों के दौरान इंश्योरेंस रेगुलेटर की ओर से हेल्थ इंश्योरेंस को लोगों के लिए काफी सुविधाजनक बनाया गया है। इसके लिए इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा बीमारियों को लेकर लगाई जाने वाली सीमाओं को कम किया गया है। अब केवल पेशेवर सपोर्ट पर्सन ही रेगुलर मेडिक्लेम इंश्योरेंस में क्लेम नहीं कर सकते हैं।इस कारण आज के समय में ज्यादातर हेल्थ इंश्योरेंस लेने वाले व्यक्ति इस श्रेणी में नहीं आते हैं। ऐसे में अगर आपको जिम और सपोर्ट्स के कारण किसी भी प्रकार की चोट आपको लगती है तो ये मेडिकल इंश्योरेंस में कवर होगी।
कुछ इंश्योरेंस कंपनियां ओपीडी जैसे खर्चों को कवर नहीं करती हैं। इस कारण छोटी -मोटी चोटें, लिगामेंट फटने, फिजियोथेरेपी और यहां तक कि फ्रैक्चर के लिए भी आपको भुगतान करना होगा।बता दें, अगर ओपीडी के खर्चें हॉस्पीटल में भर्ती होने से पहले और बाद में होते हैं तो इंश्योरेंस कंपनी की ओर से इसका भुगतान किया जाएगा। सभी इंश्योरेंस कंपनियों की ओर से हॉस्पीटल में भर्ती होने के समय ओपीडी को कवर किया जाता है। इसमें आमतौर पर 90 दिनों से लेकर 180 तक के प्री और पोस्ट हॉस्पीटलाइजेशन के खर्चों को कवर किया जाता है।