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क्रेडिट कार्ड से विदेश में खर्च की बैंक को देनी होगी सूचना

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अगर आप क्रेडिट कार्ड से विदेश में खर्च करते हैं तो आने वाले समय में इस खर्च के मकसद की जानकारी तय अवधि में बैंक के साथ साझा करनी पड़ सकती है। खर्च के मकसद के आधार पर ही आयकर विभाग करदाताओं से विदेश में क्रेडिट कार्ड से खर्च करने पर स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) की वसूली करेगा।आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आयकर विभाग इस संबंध में एक समुचित व्यवस्था बनाने के लिए आरबीआई और अन्य हितधारकों के साथ बातचीत कर रहा है।

इस व्यवस्था के जरिये यह पता लगाया जा सकेगा कि खर्च शिक्षा/चिकित्सा पर किया गया है या किसी अन्य उद्देश्य के लिए। इस खर्च की जानकारी देने के लिए करदाताओं को अतिरिक्त समय देने पर भी विचार किया जा रहा है।दरअसल, विदेश में क्रेडिट कार्ड के जरिये किए जाने वाले खर्च पर एक जुलाई, 2023 से टीसीएस शुल्क लगाने का प्रावधान लागू होने वाला है। इसके तहत, खर्च 7 लाख रुपये से अधिक होने पर 20 फीसदी टीसीएस का भुगतान करना पड़ेगा। हालांकि, शिक्षा एवं चिकित्सा से संबंधित खर्च होने पर यह शुल्क घटकर 5 फीसदी हो जाएगा।

वहीं, विदेश में शिक्षा के लिए कर्ज लेने वाले करदाताओं को पर 7 लाख से अधिक राशि पर 0.5 फीसदी टीसीएस शुल्क का भुगतान करना पड़ेगा।आयकर विभाग अलग-अलग मद में किए गए विदेशी मुद्रा खर्च पर लगाए जाने वाले टीसीएस शुल्क से संबंधित प्रक्रिया के बारे में सवाल-जवाब की एक विस्तृत सूची (एफएक्यू) भी जारी करेगा। इसमें टीसीएस वसूलने और उसकी सीमा के बारे में पूरी जानकारी होगी।सरकार ने क्रेडिट कार्ड से विदेश में होने वाले खर्च को उदारीकृत धन-प्रेषण योजना (एलआरएस) के दायरे में लाने के लिए मई, 2023 में विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम यानी फेमा (चालू खाता लेनदेन) में संशोधन किया था। इसके तहत, एक व्यक्ति आरबीआई की अनुमति के बिना एक वित्त वर्ष में अधिकतम 2.50 लाख डॉलर विदेश भेज सकता है। इससे अधिक रकम भेजने के लिए आरबीआई की अनुमति लेनी होगी।