मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर कलेक्टर श्री पी.एस. ध्रुव को आज जनदर्शन में जनकपुर इलाके से आयी 65 वर्षीय वृद्ध महिला श्रीमती रामकली पति रामदास ने गांव के ही एक प्रभावशाली व्यक्ति द्वारा अपने स्वामित्व की 85 डिसमील भूमि षड़यंत्र पूर्वक कब्जा किए जाने की शिकायत की। कलेक्टर श्री ध्रुव ने जिला मुख्यालय से लगभग 100 किलोमीटर दूर से अपनी फरियाद लेकर आयी वृद्ध महिला की बातें गंभीरता से सुनने के बाद एसडीएम भरतपुर को तत्काल आवेदिका की भूमि का मौका मुआयना कर बेजा कब्जाधारी को बेदखल करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने वृद्ध महिला को आश्वस्त किया कि उसे अपनी भूमि वापस पाने के लिए अब कही भी जाने की जरूरत नहीं है। उसे उसके स्वामित्व की भूमि, बेजा कब्जाधारी से मुक्त कराकर उसे वापस लौटाने की जिम्मेदारी प्रशासन ने की है। कलेक्टर ने वृद्ध महिला की कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए उसे जिला मुख्यालय मनेन्द्रगढ़ से जनकपुर वापस जाने के लिए टिकट का भी प्रबंध किया। कलेक्टर की संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई के लिए वृद्ध महिला ने शासन-प्रशासन का आभार जताया।
गौरतलब है कि मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में प्रत्येक सप्ताह बुधवार को कलेक्टर जनदर्शन कलेक्टोरेट सभाकक्ष लगता है, जहां जिले के सुदूर अंचल के ग्रामीण अपने आवेदनों एवं शिकायतों को लेकर आते है। कलेक्टर श्री ध्रुव सभी विभागों के अधिकारियों की मौजूदगी में लोगों के आवेदनों की सुनवाई और उसका निदान करते है। बुधवार 4 जनवरी को कलेक्टोरेट में आयोजित जनदर्शन में भरतपुर इलाके के ही कुंवारी गांव से आये विशेष पिछड़ी जनजाति के ज्ञानचंद बैगा ने कलेक्टर से अपनी भूमि की समस्या के मामले को लेकर आवेदन दिया। कलेक्टर ने ज्ञानचंद बैगा से उसकी पारिवारिक, आर्थिक स्थिति के बारे में भी पूछताछ की। ज्ञानचंद बैगा ने बताया कि उसकी बिटिया कुसुम बीमार है। आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण वह 12वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी है। कलेक्टर ने जनदर्शन में मौजूद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुरेश तिवारी को तत्काल मेडिकल टीम कुंवारी गांव भेजकर कुसुम बैगा का स्वास्थ्य परीक्षण एवं इलाज कराने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अग्निहोत्री को कुसुम बैगा की आगे की पढ़ाई के लिए उसका कॉलेज में दाखिला कराने के भी निर्देश दिए। कलेक्टर के निर्देश पर भरतपुर से चिकित्सकों की टीम कुंवारी गांव पहुंची और कुसुम का स्वास्थ्य परीक्षण किया और आवश्यक दवाएं भी दी।
कलेक्टर ने कहा कि जिले में ऐसे बच्चे जो कतिपय कारणों विशेषकर परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण पढ़ाई छोड़ चुके है, उन्हें फिर से स्कूल में दाखिला दिलाकर उनके शिक्षा का प्रबंध करने के लिए बाल-जतन अभियान संचालित किया जा रहा है। गरीब परिवार के बेसहारा, घुमंतू एवं कचरा बीनने वाले बच्चों का इस अभियान के तहत स्कूलों में दाखिला कराने के साथ ही उन्हें आवश्यक सामग्री जिला प्रशासन की ओर से प्रदान की जा रही है। कलेक्टर ने ज्ञानचंद बैगा को उसकी बिटिया कुसुम बैगा का बेहतर से बेहतर इलाज कराने और उसके आगे की पढ़ाई की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की ओर से उठाने का भरोसा दिलाया। जनदर्शन में जिले के विभिन्न अंचलों से आये लोगों ने कलेक्टर से ध्रुव को अपनी-अपनी समस्याएं बतायी। जनदर्शन में कुल 15 आवेदन मिले, जिसके त्वरित निदान के निर्देश संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिए गए।