स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा ली जाने वाली तिमाही परीक्षा के लिए नये निर्देश जारी किए गए हैं। जारी निर्देश के अनुसार तिमाही परीक्षा के लिए प्रश्न-पत्र को परीक्षा कक्ष में चाक से ब्लैक बोर्ड पर लिखा लिखकर छात्रों से हल कराया जाएगा। स्कूल स्तर पर संस्था प्रमुख, प्राचार्य द्वारा इन प्रश्न पत्रों को तैयार किया जाएगा।
गौरतलब है कि विगत दिनों कतिपय न्यूज चैनलों तथा अखबारों में तिमाही परीक्षा के लिए निर्मित केन्द्रीकृत प्रश्न पत्र के लिक होने के समाचार प्रकाशित हुए हैं। अतः सतर्कता-स्वरूप, विद्यार्थियों के मूल्यांकन कार्य की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बरकरार रखते हुए कक्षा 1 से 8 तक के लिए एससीईआरटी कक्षा 9 से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा निर्मित व जारी प्रश्न पत्र के माध्यम से ली जाने वाली परीक्षा, मूल्यांकन कार्य संबंधी जारी निर्देशों को तत्काल प्रभाव से अधिक्रमित करते हुए नवीन निर्देश जारी किए हैं। जिसके अनुसार राज्य स्तर से पूर्व में जारी एवं शाला स्तर पर प्राप्त प्रश्नपत्रों का उपयोग किसी भी स्थिति में नहीं किया जाएगा।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इस संबंध में सभी संभागीय संयुक्त संचालक और जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि प्रश्न-पत्र की प्रकृति तथा संख्या ऐसी हो जिन्हें सुगमता से 10 से 15 मिनट में लिखा जा सके। परीक्षार्थियों को अपनी विषय की कॉपी में ही प्रश्नों के उत्तर लिखवाया जाए। शाला स्तर पर परीक्षार्थियों की कॉपी जांचकर मूल्यांकन कार्य पूर्ण कराया जाए। मूल्यांकन के बाद प्रश्नोत्तर कॉपी विद्यार्थियों को अनिवार्यतः लौटा दी जाए, ताकि वे तथा पालक स्वयं भी अपने स्तर से आवश्यक मूल्यांकन कर सकें, ताकि भविष्य में अतिरिक्त तैयारी कर सके। शाला स्तर पर ही परीक्षा की समय-सारिणी निर्धारित की जाए और अनिवार्यतः यह तिमाही परीक्षा अनिवार्य रूप से 10 अक्टूबर तक पूर्ण कर ली जाए। प्रश्न पत्र की एक प्रति परीक्षा आयोजित करने के बाद अनिवार्यतः जिला शिक्षा अधिकारी को प्रेषित किया जाए, ताकि उनके स्तर से भी गुणवत्ता का आंकलन-परीक्षण हो सके एवं वे आगामी मूल्यांकन, परीक्षाओं के लिए संबंधित संस्था प्रमुख, प्राचार्यों को समुचित मार्गदर्शन दे सकें।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कोरोना काल के पश्चात् विद्यार्थियों की दक्षता और सीखने की गति को चरणबद्ध तरीके से प्रोत्साहित करने की मंशा से कक्षा 1 से 12वीं तक मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक और वार्षिक अर्थात् सतत् मूल्यांकन कार्य कराए जाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया था। उल्लेखनीय है कि सतत् मूल्यांकन से तिमाही तथा अर्धवार्षिक परीक्षा का मूल लक्ष्य और उद्देश्य न तो विद्यार्थी को उत्तीर्ण या अनुत्तीर्ण करना रहा है और न ही तिमाही या छःमाही परीक्षा के प्राप्तांक वार्षिक परीक्षा में नहीं जोड़े जाने हैं- बल्कि शिक्षा सत्र के अंत में आयोजित वार्षिक परीक्षा की आवश्यक सतत् तैयारी के प्रति उन्हें सचेत और सक्रिय बनाये रखना है।