Home छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ के देवभोग से जुड़ा है 150 साल पुराना इतिहास, भगवान जगन्नाथ...

छत्तीसगढ़ के देवभोग से जुड़ा है 150 साल पुराना इतिहास, भगवान जगन्नाथ को लोग पटाते हैं लगान

4812
71

रायपुर .छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिला स्थित देवभोग में 84 गांव के लोग भगवान जगन्नाथ  को आज भी लगान देते हैं। लगान देने की ये परंपरा 117 साल से निरंतर चली आ रही है। लगान के रूप में चावल और मूंग लिया जाता है जो कि यहां से पुरी के विश्व प्रसिद जगन्नाथ मंदिर जाता है। इसी लगान से आए सुगंधित चावल और मूंग का भोग जगन्नाथ मंदिर में चढ़ाया जाता है।इस जगह का नाम देवभोग रखने के पीछे भी एक कारण है। लगभग डेढ़ सौ साल पहले इस इलाके का यह नामकरण हुआ। यहां पर बना भगवान जगन्नाथ का मंदिर ओडिशा में भी प्रसिद्ध है, जहां से भी भक्त दर्शन करने लगातार यहां पहुंचते हैं। रथयात्रा के दिन कल इस मंदिर में खूब रौनक रही। यहां भी विशेष रथयात्रा निकाली गई. देवभोग में मौजूद जगन्नाथ मंदिर का इतिहास 150 साल से भी ज्यादा पुराना है। इलाके के 84 गांव के जनसहयोग से इस मंदिर को बनाने में 47 वर्ष लग गए। यह एक मात्र ऐसा मंदिर है, जहां भक्त अपने भगवान को लगान पटाते हैं। लगान के रूप में प्राप्त होने वाले अनाज का एक भाग पुरी के जगन्नाथ मंदिर में भोग के लिए जाता है। वास्तुकला और अनोखी पद्धति से निर्मित इस मंदिर को बनाने बेल, चिवड़ा, बबूल और अन्य देसी सामग्रियों का इस्तेमाल किया गया है। यही वजह है कि इसे बनाने में 47 साल लग गए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here