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भ्रष्टाचार की बाढ़: दिन प्रतिदिन

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Every year Rs 1,873 billion is being lost due to corruption
Bhrastachar

रायपुर,11 दिसम्बर | Bhrastachar : पूरे विश्व में भ्रष्टाचार की बाढ़ सी आ गई है जिसके चलते इमानदार व्यक्ति के घर की रसोइयों से लेकर हर सामग्रियों में लूट मचा हुआ है. विकासशील देशों में हर साल 1,873 अरब रुपए ( 40 अरब डॉलर ) भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाते हैं।

विश्व बैंक के एक अधिकारी के मुताबिक (Bhrastachar) भ्रष्टाचार की इस राशि में घूस के अलावा धन के दुरुपयोग के मामले शामिल हैं। इस राशि के एक छोटे हिस्से से 6 लाख से अधिक एड्स मरीजों के सालभर के इलाज की व्यवस्था हो सकती है।

विश्व बैंक अधिकारी और एसटीएआर ( स्टोलन असेट रिकवरी इनिशिएटिव ) के को-ऑर्डिनेटर एड्रियन फोजार्ड ने वाशिंगटन से यह जानकारी दी है।

विकासशील देशों में हर साल 20 से 40 अरब डॉलर (Bhrastachar) भ्रष्टाचार में जाया हो जाते हैं जो कि उनको मिलने वाली मदद की कुल राशि का 15-30 फीसदी हिस्सा है।

बीते 15 वर्षों में इसमें से मात्र 234 अरब रुपए ( 5 अरब डॉलर ) ही वसूली जा सकी है ।एसटीएआर , विश्व बैंक और संयुक्त राष्ट्र के मादक पदार्थ और अपराध कार्यालय का साझा उपक्रम है ।यह भ्रष्टाचार के खिलाफ वैश्विक प्रयासों में सहायता प्रदान करता है।

फिलहाल यह मालदीव, इंडोनेशिया और हैती सहित 22 देशों में कार्यरत है.

अगर यही भ्रष्टाचार घोटालों एवं आर्थिक अनियमितताओं का सिलसिला छत्तीसगढ़ राज्य में भी ऐसे ही रहा तो वह दिन दूर नहीं है जब भ्रष्टाचार घोटालों की बाढ़ सी आ जाएगी ।

ऐसे में राज्य सरकार के गुरुत्तर जिम्मेदारी बनती है कि प्रशासनिक तेज और ऐसे कर्मचारी जो भ्रष्टाचार और घोटालों को बढ़ावा दे रहें हैं उन पर अंकुश लगाया जाय नहीं तो वो दिन भी दूर नहीं होगा जब जनता सड़क पर आ जाएँगी।

कहने का तात्पर्य यह है कि अगर यह सिलसिला यूं ही चलता रहा तो अट्ठारह सौ सत्तावन की तरह का फिर एक गदर होना तय है वह गदर हिंदुस्तान की आजादी के लिए हुआ था। और यह ग़दर आज की आर्थिक व्यवस्था और भ्रष्टाचार पर होगा जिसका नेतृत्व युवा पीढ़ी करेगी।