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राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम 12 अक्टूबर 2021 तक सर्व दल घर-घर जाकर कुष्ठ रोगियों का करेंगें चिन्हांकन स्वास्थ्य केन्द्रों में निःशुल्क दवाई उपलब्ध कराई जाती है

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जशपुरनगर 04 अक्टूबर 2021राज्य कार्यक्रम अधिकारी कुष्ठ, संचालनालय स्वास्थ्य सेवाए छत्तीसगढ रायपुर द्वारा राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अतंर्गत 02 अक्टूबर गांधी जयंती के उपलक्ष्य में समस्त जिलों में एनएलईपी कार्यक्रम को विभिन्न गतिविधियों के साथ 28 सितम्बर 2021 से 12 अक्टूबर 2021 तक आयोजित किये जाने के लिए प्रस्तावित किए हैं। जिसमें कृष्टविकृति सुधार पखवाडा-समस्त आरसीएस के योग्य मरीजों का आरसीएस करवाया जाना। समस्त कुष्ट कालोनियों का सर्वे कार्य टीम बनाकर किया जाना। तथा जरूरत के हिसाब से मूल्यांकन प्रपत्र में किया जाना है एवं मूल्यांकन के पश्चात आवश्यकता अनुसार एमसीआर चप्पल, सेल्फ केयर कीट, चश्मा बैशाखी प्रदान किया जाना है एवं समस्त कुष्ठ कालोनियों में इस पखवाडा ने पी.ओ.डी कैम्प आयोजित समस्त कुष्ठ प्रभावित व्यक्तियों का कोविड वैक्सीनेशन का प्रथम एवं द्वितीय डोज पात्रता अनुसार पूर्ण करवाया जाना है। कुष्ठ मरीजों को विभिन्न लक्षणों से पहचान किया जा सकेगा। इनमें चमड़ी के दाग का मोटापन, चमकदार व तेलीय होना, त्वचा पर गांठे, त्वचा पर हल्के या लाल रंग के दाग जिसमें आंशिक या पूर्ण सुन्नपन हो। इयरलोब पर नोडयूल का मोटा होना-चेहरे पर नोडयूल्स, आँख बंद करने में असमर्थता-आंख में पानी आना, आइब्रो झड़ना, नाक में सूजन एवं नाक का दबना, नस का मोटा होना, कोहनी, घुटने या टखने के आसपास के क्षेत्र में झुनझुनी और दर्द, ठंड या गर्म वस्तुओं को महसूस करने में असमर्थता, हथेली में शुन्यपन या संवेदनशीलता की कमी चलते समय पैर का झूलना-घसीटना, हाथ में अल्सरेशन-दर्द रहित घाव या हथेली में बार बार फफोला होना। किसी भी सामान को पकड़ते समय हाथ में कमजोरी या असमर्थता कमीज या ब्लाउज के बटन लगाने में परेशानी हाथो-पैरों में झुनझुनी, पैरों में दर्द रहित घाव-पैरों पर शुन्यपन, हाथ की अंगुलियों का हथेली की ओर मुड़ना-छोटा होना, पैर की अंगुलियों का तलवों की ओर मुड़ना-छोटा होना, पैर के तलवो का शुन्य होना, चलते समय पैर से चप्पल-जूतों का निकल जाना इत्यादि लक्षण हैंराज्य शासन के निर्देशानुसार कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जिले में सरपंच का उदबोधन लेकर कुष्टमुक्त राष्ट्र बनाने में सहभागिता देना है। जैसे की हम सभी देश को पोलियो, यॉज, स्मॉल पॉक्स (चेचक की बीमारी) से मुक्त किया गया है। उसी प्रकार भारत को कुष्टमुक्त राष्ट्र बनायेगे।स्वास्थ्य विभाग छत्तीगढ़ को कुष्ठमुक्त बनाने में अथक प्रयास कर रहा है। कुष्ठ की दवाई समान स्वास्थ्य केंद्रों में निःशुल्क उपलब्ध है। स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर भ्रमण कर कुष्ठ रोगियों को शीघ्र-अतिशीघ्र ढूंढने का प्रयास कर रहा है एवं कुष्ठ मरीज को चिन्हांकित कर रहा है। जिस व्यक्ति के शरीर में दाग-धब्बे, शरीर के रंग से हटकर तेलिया-तामिया चमक हैं, जिसमें संवेदना नहीं है अथवा सुन्नपन है, कुष्ठ सदेह किया जा सकता है। उसे तुरंत स्वास्थ्य विभाग से सम्पर्क करना चाहिए। देर से सम्पर्क करने व विलम्ब से उपचार लेने से विकृति की सम्भावना बढ़ जाती है। यह बीमारी एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक नहीं फैलता। यह किसी पाप का फल नहीं है। यह अविश्वसनीय फैलाया गया भ्रम है। यदि मरीज़ पूर्ण उपचार लेता है तो पूर्ण रूप से उपचारित कुष्ठमुक्त हो जाता है। ग्राम सभा में संचालित कुष्ठ जागरूकता दिवस का उद्देश्य कुष्ठ मुक्त छत्तीसगढ़ का निर्माण है।