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कलेक्टर श्री धावड़े ने जैविक कृषि और कीटनाशक तैयार करने के गुर सीख रही महिलाओं का किया उत्साहवर्धन, कहा – कृषि सखी प्रशिक्षण का लाभ गांव में ज़रूर पहुंचाएं

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5 दिवसीय आवसीय प्रशिक्षण में पहुंचकर कलेक्टर एवं सीईओ जिला पंचायत ने वितरित किये प्रशस्ति पत्र
80 गांवों की 160 महिलाओं को कृषि सखी एवं पशु सखी का दिया जा रहा है प्रशिक्षण, 250 गांवों में चल रही हैं संवहनीय कृषि गतिविधियां

कोरिया 22 सितम्बर 2021कलेक्टर श्री श्याम धावड़े और सीईओ जिला पंचायत श्री कुणाल दुदावत ने छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के तहत लाइवलीहुड कॉलेज में आयोजित 5 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण में कृषि सखियों का उत्साहवर्धन कर उन्हें प्रशस्ति पत्र वितरित किये।इस दौरान कलेक्टर श्री धावड़े ने कृषि सखी के रूप में काम करने को तैयार महिलाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि शासन की मंशा जैविक कृषि को बढ़ाना है जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति में वृद्धि हो। कृषि सखी के रूप में आपकी ज़िम्मेदारी होगी कि गांव में लोगों को जागरूक करें। कलेक्टर ने जिला मिशन प्रबंधन इकाई के अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रशिक्षण में जिले के 10 ऐसे किसानों को भी आमंत्रित करें जो नवाचारों को अपनाते हुए काम कर रहे हों, कोदो, कुटकी, सब्जी उत्पादन या पशुपालन में बेहतर काम कर रहे हों, और यहां अपने अनुभव और कृषि के तरीके साझा कर सकें।इस प्रशिक्षण में 80 गांवों की 160 महिलाओं को कृषि सखी एवं पशु सखी के रूप में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रथम बैच में कृषि सखियों को प्रशिक्षण दिया गया है। आज से 5 दिवस के लिए पशु सखी महिलाओं का प्रशिक्षण शुरू किया गया है।सीईओ जिला पंचायत श्री दुदावत ने भी महिलाओं का उत्साह बढ़ाया। उन्होंने कहा कि गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट और वर्मी वाश तैयार किया जा रहा है। जिससे जैविक कृषि को बढ़ावा मिले। प्रशिक्षण में बताई जा रही नई कृषि विधियां, और फसल सुरक्षा के तरीके कम लागत और अधिक उत्पादन में मददगार हैं।बता दें कि जिले में विकासखण्ड मनेन्द्रगढ़, सोनहत और भरतपुर के 250 गांवों में संवहनीय कृषि सीएमएसए गतिविधियां की जा रही हैं। जिसके अंतर्गत गांवों में स्वसहायता महिला समूहों की कृषि सखियों द्वारा श्री विधि, मचान, बहुफसली माध्यम, किचन गार्डन आदि विभिन्न तकनीकें सिखाकर किसानों द्वारा फसल व सब्जी उत्पादन किया जा रहा है। जैविक खाद और नीम, दशपर्णी और बेशरम के पत्तों से बने जैविक कीटनाशक का उपयोग करके कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त हो रहा है। प्रशिक्षण में भरतपुर, मनेन्द्रगढ़ एवं सोनहत क्लस्टर से 40 महिलाओं का चयन कर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस दौरान जिला मिशन प्रबंधक श्री रामेंद्र गुर्जर, बीपीएम एवं प्रशिक्षु महिलाएं उपस्थित रही।