अवधि समाप्त के बाद भी जारी है रेत का अवैध खनन,,मनचाहा राशि वसूला जा रहा ,पैकेज से प्रशासनिक तंत्र खुश

सारंगढ़: महानदी है महान जिसके कोख से प्रतिदिन निकाले जा रहे है सैकड़ों ट्रैक्टर रेत सरकार की आंखो मे दिखावा की पट्टी डाल रेत माफिया हो रहा है मालामाल ,बताया जा रहा है कि ग्राम बरभाठा से लगे महानदी मे विगत कुछ सालो से सरिया का आहूजा ने टेंडर भर कर रेत निकालने का काम किया जा रहा था जिसकी लिए सरकार से कानूनी दस्तावेज भी तैयार किया गया था और सरकार की तय टैक्स भरकर निकालने का जिम्मा उठाया था जिसकी अवधि समाप्त हो चुका है सूत्र की माने तो टेंडर की समय अवधि खत्म हो चुका है उसके बाद भी रेत माफिया लगातार प्रतिदिन सैकड़ों गाडियां भर बेच रहे है मजे की बात तो यह है कि साहब के पास टेंडर का समय खत्म हो चुका है तो टैक्स से दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं लेकिन आप जान कर हैरान हो जायेगे की आहूजा ने अपना किसी प्रधान नामक व्यक्तिवके साथ कुछ लोगो को बैठा कर सारी गाड़ियों से 300 रूपए वसूलते है जिसमे से लेबर को आधी रूपए देते है और आधी रूपए खुद की जेब मे डाल लेते है ग्रामीणों ने बताया प्रतिदिन सैकड़ों ट्रेक्टर आते है जिसने 300 रूपए लेते है

कोरा कागज बना रॉयल्टी पर्ची
टेंडर अवधि पर प्रशासन से मिला रॉयल्टी पर्ची काट रेत बेचा जाता था लेकिन अब तो प्रधान जी खुद प्रशासन बन गए है जिनके सादा कागज और कलम मे लिख देना रॉयल्टी पर्ची के बराबर है बस फर्क इतना है कि प्रशासन की पर्ची पर टैक्स जाता है और प्रधान की पर्ची पर भी टैक्स जाता है लेकिन फर्ज इतना है की प्रधान और आहूजा जैसे लोगो को जाता है जो खुद मे शासन प्रशासन बन गए है जिसे जिला मे बैठे प्रशासन से कोई डर नहीं ऐसे ही रोजाना अपनी पर्ची से काट 10 से 15 हजार रूपए कमा लेते है एक कोचिया रात के अंधेरे में भी अपना धान नहीं ले जा पाते इतना प्रशासन चौक्कना होकर मुस्तैद कर धर दबोच लेते है तो फिर ऐसे तेज प्रशासनिक तंत्र से दिन कि उजाले में ले जाने वाले रेत माफिया आखिर कब तक बचता रहेगा